NALANDA: बिहार में स्वास्थ विभाग को दुरुस्त करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तरह-तरह की योजनाएं ला रहे हैं। इसी बीच सीएम के गृह जिले से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिससे सिस्टम पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। दरअसल, नालंदा जिले में एक बेटा अपने घायल पिता को इलाज के लिए ठेले से अस्पताल ले गया। बताया जा रहा है कि जिला मुख्यालय बिहार शरीफ के सोहसराय थाना इलाके के कटहल टोला में नवनिर्मित मकान पर वाटर टैंक चढ़ाने के क्रम में मकान का छज्जा गिर गया, जिससे इस घटना में ठेला चालक समेत दो मजदूर जख्मी हो गए।
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि कटहल टोला इलाके में फकीरचंद ठेला पर लोड कर नवनिर्मित मकान पर मजदूर टंकी चढ़ा रहा था। इसी दौरान यह हादसा हुआ। वहीं जब दोनों घायलों को (फकीरचंद और अन्य मजदूरों को) अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन वहां से डॉक्टर ने एक शख्स को गंभीर हालत में रेफर कर दिया। हालांकि जख्मी परिजनों और वार्ड पार्षद के द्वारा इसकी सूचना स्थानीय सोहसराय को भी दी गई, ताकि सोहसराय के द्वारा जख्मी की मदद की जा सके। लेकिन स्थानीय थाना पुलिस से मदद नहीं मिलने के बाद घायल फकीरचंद के बेटे ने अपने पिता को ठेले पर ही रखकर करीब 2 किलोमीटर दूर सदर अस्पताल पहुंचाया।
हालांकि, बाद में सदर अस्पताल की ओर से घायल के लिए सरकारी एंबुलेंस मुहैया कराया गया। अगर समय रहते फकीरचंद को एंबुलेंस की सेवा या फिर यूं कहें सरकारी सेवा न मिलती तो शायद उसकी जान बच सकती थी। एक ओर राज्य सरकार गरीबों की मदद के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है तो वहीं दूसरी ओर इस तरह की तस्वीरें भी लगातार सामने आ रही है।
वहीं, इस मामले को लेकर सिविल सर्जन अविनाश कुमार सिंह का कहना है कि इलाके में अगर किसी तरह की घटना घटती है तो 102 पर डायल करने के बाद उन्हें सरकारी एम्बुलेंस की सुविधा मिल पाती है। लोगों में अभी भी जागरूकता की कमी देखी जा रही है। सिविल सर्जन ने भी माना कि जब इस घटना की सूचना सोहसराय थाना को दी गई थी, तो उन्हें 102 डायल करके जख्मी फकीरचंद को एंबुलेंस मुहैया करवाना चाहिए था।