Bihar Farmers: बिहार के इस जिले में कद्दू बेचकर मालामाल हो रहे किसान, यह तरीका अपनाकर दुगनी कर रहे कमाई जमुई और लखीसराय का कुख्यात अपराधी मुन्ना यादव गिरफ्तार, लंबे समय से पुलिस को थी तलाश नवादा में बस और बाइक की टक्कर में युवक की मौत, फुफेरा भाई घायल, नानी के घर जा रहे थे दोनों Caste Census: देश भर होगी जातीय जनगणना, सुपर कैबिनेट की बैठक में मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला Pahalgam Terror Attack: “सरकार हमें विश्वास में लेकर आगे की योजना बताए”, कांग्रेस के जयराम रमेश के बयान पर लोगों ने दी मजेदार प्रतिक्रियाएं IPS Deven Bharti: कौन हैं देवेन भारती? फडणवीस ने बनाया मुंबई का नया पुलिस कमिश्नर, बिहार के इस जिले से रखते हैं ताल्लुक Bihar News: बिहार के इस जिले में जमीन के नीचे से प्रकट हुए भगवान विष्णु और बुद्ध, दर्शन के लिए जमा हुई भारी भीड़ Purvanchal Expressway: पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लिंक हाईवे का निर्माण तेज, इस महीने तक NH-922 से जुड़ जाएगा बक्सर; जाम से मिलेगी रहत पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह को मिली पैरोल, पोती की शादी में होंगे शामिल Bihar News: सुबह-सुबह शराब पीकर स्कूल पहुंच गए हेडमास्टर साहब, घंटों चला ड्रामा, फिर हुई पुलिस की एंट्री
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 11 Jul 2023 01:08:58 PM IST
- फ़ोटो
NALANDA : बिहार में पिछले साल अगस्त के महीने में महागठबंधन की सरकार बनी और इस सरकार में स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेवारी तेजस्वी यादव ने अपने कंधो पर लिया है। इसके बाद वो लगातार इसमें सुधार को लेकर तरह - तरह की योजनाएं भी लाते रहते हैं, इतना ही नहीं खुद मंत्री देर रात राज्य के सरकारी अस्पतालों का निरिक्षण करने भी निकल जाते हैं। लेकिन, इसके बाबजूद व्यवस्था में सुधार नहीं देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में अब एक ताजा मामला बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से जुड़ा हुआ है। यहां सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में कोई डॉक्टर नहीं आ रहे हैं,जिस वजह से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, नालंदा के सदर अस्पताल में मरीजों को इमरजेंसी वार्ड में इलाज के लिए मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। यहां इमरजेंसी वार्ड में कोई डॉक्टर मौजूद ही नहीं है। जिसके बाद कुछ मरीज के परिवार तो इलाज के लिए निजी क्लीनिक जाना पड़ रहा है तो कुछ को इमरजेंसी वार्ड में ही तांत्रिक से झाड़ फूक कराया जा रहा है।
दरअसल, पहला मामला बिहारशरीफ के मांशूर नगर का है। जहां अमरदीप चौधरी के 16 वर्षीय पुत्र रौविन कुमार गिरकर बेहोश हो गया। जिसे आनन फानन में परिवार के लोगो ने इलाज के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल लाया गया। जहां इमरजेंसी वार्ड में कोई भी चिकित्सक मौजूद नही था। जिसके बाद परिवार के लोगों ने अपने मरीज को बच्चा वार्ड में मौजूद चिकित्सक को देखने को कहा मगर चिकित्सक ने मरीज को देखने से इनकार कर दिया। जब इस बात की जानकारी नालंदा के सिविल सर्जन को दी गई तो सिविल सर्जन अविनाश कुमार ने थोड़ी देर में डॉक्टर को भेजने की बात कही। मगर एक घंटा गुजर जाने के बाद भी कोई चिकित्सक नही आए। जिससे मरीज की हालत और बिगड़ गई और परिवार के लोगो ने आनन फानन में मरीज को ई रिक्शा से निजी क्लीनिक ले गया।
इधर, एक अन्य मामले में दूसरा मरीज सर्प दंश का शिकार था। जिसे चंडी अस्पताल से बिहारशरीफ सदर अस्पताल रेफर किया। जहां डॉक्टर के नही रहने के कारण तांत्रिक को बुलाकर अस्पताल के वेड पर ही झाड़ फूक कराया गया। इसके अलावे करीब आधा दर्जन मरीज को इमरजेंसी वार्ड में इलाज के लिए लाया गया। जहां से सभी मरीज को निजी क्लीनक ले जाना पड़ा।
इधर, इस मामले में नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने कहा कि, कुछ देर पहले ही मुझे भी इस मामले की जानकारी मिली है। इस पर जांच बैठाया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ जरूरी एक्शन लिया जाएगा। इस मामले में अनदेखी नहीं की जा सकती है।