बिहार में हैरान कर देने वाली खूनी लव स्टोरी: जवान चायवाली के इश्क में दीवाने हुए चार बुजुर्ग, पांचवे ने एंट्री ली तो हुआ मर्डर

बिहार में हैरान कर देने वाली खूनी लव स्टोरी: जवान चायवाली के इश्क में दीवाने हुए चार बुजुर्ग, पांचवे ने एंट्री ली तो हुआ मर्डर

BIHARSHARIF : बिहार के नालंदा जिले से हैरान कर देने वाली खूनी लव स्टोरी सामने आयी है. एक जवान चाय वाली के इश्क में चार बुजुर्ग दीवाने हो गये. चारों ने आपस में अंडरस्टैंडिंग भी कायम कर ली. लेकिन इस कहानी में 75 साल के पांचवे बुजुर्ग ने एंट्री मार ली. फिर जो हुआ उससे पुलिस तक हैरान है. पुलिस कह रही है कि ऐसी कहानी तो आज तक देखी ही नहीं.


चायवाली के चार दीवाने

मामला नालंदा के अस्थावां का है. 30 साल की एक विधवा ने चाय की दुकान खोल रखी है. चाय दुकान पर ग्राहक आने लगे लेकिन चार बुजुर्गों ने वहां अपनी बैठकी बना ली. खास बात ये भी है कि उन चारों बुजुर्गों की पत्नी की मौत हो चुकी थी. ऐसे में चायवाली से दिल लगा बैठे. चारों ने चायवाली से एक दिन उसे मन की बात कह डाली. चारों ने अपने दिल की बात बतायी तो चायवाली ने भी हामी भर दी. ऐसे में चारो उसके घर आने-जाने लगे।


पांचवां आशिक आया तब खूनी खेल

चाय वाली और उसके चार दीवानों का खेल चल रहा था. लेकिन तभी 75 साल के एक और बुजुर्ग ने इस लव स्टोरी में एंट्री मार ली. 75 साल के तृपित शर्मा भी पहले चायवाली की दुकान पर बैठने लगे औऱ फिर उसके घर तक पहुंच हो गयी.  चार बुजुर्गों को पहले से ही हैंडल कर रही चायवाली को पांचवे पर आपत्ति नहीं हुई. लेकिन पांचवे के फेरे में चायवाली ने पहले के चार दीवानों पर ध्यान देना कम कर दिया. ये बात उन चारों को खली और फिर वे बुढ़ापे में ऐसा काम कर बैठे कि बाकी की जिंदगी जेल में ही कटेगी.

बिहारशरीफ पुलिस के मुताबिक चायवाली के चारों पुराने आशिकों ने पांचवे को सबक सिखाने का फैसला लिया. उन्होंने चायवाली को अपनी प्लानिंग समझायी. प्रेमिका ने थोड़ी ना नुकुर की लेकिन जब चारों पुराने आशिक जिद पर अड गये तो वह भी राजी हो गयी. पूरी प्लानिंग के तहत पिछले महीने 19 अक्टूबर को चायवाली ने पांचवें दीवाने तृपित शर्मा को अकेले में मिलने के बुलाया. प्रेमिका के बुलावे पर 75 साल के तृपित शर्मा वहां पहुंच गये. वहां पहले से ही उनके चारों प्रतिद्वंद्वी मौजूद थे. चारों ने पहले तो तृपित शर्मा को धमकाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने. तब मारपीट शुरू हुई और उन चारों ने तृपित के सिर पर ईंट से वार किया. वे निढाल होकर गिर पड़े और फिर उठ नहीं पाये. 


शव बरामद हुआ लेकिन कोई सुराग नहीं मिला

तृपित शर्मा की मौत के बाद चारों ने शव के चेहरे को ईंट से पूरी तरह से कूचा. ताकि चेहरे की पहचान नहीं हो पाये. फिर शव को अस्थावां के पालीटेक्निक कालेज के निकट बन रहे एक घर की पानी टंकी में डाल दिया. इस बीच तृपित शर्मा को उनके परिजन तलाशते रहे. दो दिन बाद 21 अक्टूबर को पानी टंकी से उनका शव बरामद हुआ. उनके बेटे मिट्ठू कुमार ने उसी दिन पिता की हत्या की प्राथमिकी अस्थावां थाने में दर्ज करायी. लेकिन किसी पर हत्या का कोई शक जाहिर नहीं किया. 

उधर पुलिस के लिए ये केस परेशान करने वाला था. तृपित शर्मा का किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. उनका किसी से कोई झगड़ा नहीं था और न ही कभी किसी आपराधिक मामले में संलिप्तता थी. फिर इस कदर से बेदर्दी से 75 साल के बुजुर्ग की हत्या क्यों की गयी. पुलिस इसका पता नहीं लगा पा रही थी. वैसे पुलिस की छानबीन में ये पता चला था कि तृपित शर्मा अस्थावां पालीटेक्निक कालेज के पास चाय की एक दुकान में अक्सर बैठा करते थे. लेकिन चायवाली के खिलाफ पुलिस के पास कोई सबूत नहीं था. लिहाजा पुलिस उस पर हाथ नहीं डाल पा रही थी. 


एक गलती से खुल गया खेल

दरअसल पुलिस को ये पता चला था कि तृपित शर्मा के पास एक मोबाइल फोन था. लेकिन उनके शव से वह फोन बरामद नहीं हुआ था. मर्डर के बाद पुलिस ने जब उनका नंबर डायल किया तो वह स्वीच ऑफ आ रहा था. ऐसे में पुलिस ने उस नंबर को सर्विलांस पर डाल दिया था. उधर जब मर्डर के एक महीने से ज्यादा दि गुजर गये तो चायवाली और उसके आशिक निश्चिंत हो गए. उन्हें लगा कि अब पुलिस हाथ पैर नहीं मारेगी. इसी गलतफहमी में एक दिन चायवाली ने तृपित शर्मा के मोबाइल को आन कर दिया. तुरंत पुलिस को मोबाइल का लोकेशन मिल गया. उसके बाद पुलिस चायवाली के पास पहुंची. उसे गिरफ्त में लेकर कड़ाई से पूछताछ की गई तो सारी कहानी सामने आ गयी. 

पुलिस ने कहा-ऐसा मामला पहले नहीं देखा

नालंदा के डीएसपी सदर  शिब्ली नोमानी ने बताया कि उन्होंने अपने करियर में इस तरह का मामला पहले नहीं देखा था. पुलिस ने चायवाली के साथ उसके चार दीवानों को गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ के दौरान उन लोगों ने 19 अक्टूबर को तृपित शर्मा की हत्या की बात स्वीकार ली है. गिरफ्तार किये गये लोगों में 30 साल की चायवाली पीनो देवी, बरबीघा थाना के कुतुबचक निवासी 75 वर्षीय कृष्णनंदन प्रसाद, अस्थावां गांव के 60 वर्षीय सूर्यमणि कुमार, अकबरपुर गांव के बनारस प्रसाद उर्फ लोहा सिंह और मानपुर थाना के छबीलापुर गांव निवासी वासुदेव पासवान शामिल हैं.