मुंगेर में चुनाव से पहले 1.72 किलो चांदी जब्त, फ्लाइंग स्क्वॉड टीम की बड़ी कार्रवाई मोतिहारी में चिकन पार्टी के बहाने युवक की हत्या, नेपाल से दो आरोपी गिरफ्तार मुंगेर में चुनाव से पहले अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़, 15 निर्मित और 8 अर्धनिर्मित पिस्टल के साथ दो गिरफ्तार जमुई में हाई-वोल्टेज ड्रामा: 80 दिन से फरार पति प्रेमिका संग घर लौटा, पहली पत्नी ने थाने में दर्ज करायी शिकायत BIHAR NEWS : रुपए के लेन-देन में महिला के सिर में मारी गोली, शव को सड़क किनारे खेत में फेंका BIHAR NEWS : सुपौल में नदी में नहाते समय किशोरी की दर्दनाक मौत, मातम का माहौल Bihar Assembly Elections : मांझी का सीट हुआ लॉक,फाइनल कर वापस लौट रहे पटना ;जल्द जारी होगा कैंडिडेट का नाम Bihar Politics OTT Series: 'बिहार से हैं क्रोमोसोम में राजनीति हैं ...', जानिए बिहार की पॉलिटिक्स को समझने के लिए क्यों देखना चाहिए यह सीरीज; क्या है खास BIHAR ELECTION : 20 रुपए में एक रसगुल्ला तो पुड़ी-सब्जी के लिए 30 रुपए हुआ तय; चुनाव आयोग ने तय कर रखा है प्रत्याशियों के खर्च की दरें Diwali 2025: दूर कर लें कंफ्यूजन! 20 या 21 अक्टूबर कब है दीपावली? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा का सही समय
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 22 Aug 2025 06:19:05 PM IST
हम नहीं सुधरेंगे! - फ़ोटो SOCIAL MEDIA
NALANDA: बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (Vigilance) ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। नालंदा जिले के इस्लामपुर प्रखंड में स्वास्थ्य विभाग के ब्लॉक कम्युनिटी मैनेजर (BCM) आशुतोष कुमार को 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया।
दरअसल इस्लामपुर वार्ड संख्या-20 की निवासी रशीदा परवीन ने आशा कार्यकर्ता की बहाली के लिए आवेदन दिया था। इसी प्रक्रिया के दौरान ब्लॉक कम्युनिटी मैनेजर ने उनसे चयन सुनिश्चित करने के लिए ₹40,000 की मांग की। रशीदा परवीन ने साहस दिखाते हुए इसकी शिकायत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से की।
शिकायत की पुष्टि के बाद निगरानी विभाग की टीम ने रणनीतिक रूप से जाल बिछाया। जैसे ही आरोपी मैनेजर ने रिश्वत की रकम स्वीकार की, टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को आवश्यक कागजी कार्रवाई के उपरांत पटना मुख्यालय भेज दिया गया। इस कार्रवाई की खबर फैलते ही स्वास्थ्य विभाग के कार्यालयों में अफरा-तफरी और दहशत का माहौल बन गया। कर्मचारियों और अधिकारियों में खौफ है कि कहीं अगली बारी उनकी न हो।