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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 21 Jun 2025 10:38:36 PM IST
लापरवाही पड़ी भारी - फ़ोटो google
PATNA: झारखंड में 4 दिनों से लगातार हो रही भीषण बारिश ने बिहार के दक्षिणी जिलों में तबाही मचा रखी है। इसके चलते नालंदा और जहानाबाद जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है। कई नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर पार कर चुका है। पानी के तेज बहाव के चलते छह से अधिक स्थानों पर तटबंध टूट गए हैं और जलजमाव से ग्रामीण क्षेत्रों में अफरा-तफरी मची हुई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शनिवार को आपातकालीन बैठक बुलाई।
मंत्री विजय कुमार चौधरी ने राहत और बचाव कार्य शुरू करने का आदेश अधिकारियों को दिया। तटबंधों की निगरानी में लापरवाही सामने आने के बाद मंत्री ने बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, एकंगरसराय के कार्यपालक अभियंता सहित 7 अभियंताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
मंत्री विजय चौधरी ने कड़े शब्दों में कहा कि जांच में यह पाया गया है कि विभागीय निर्देशों के बावजूद संबंधित अभियंताओं ने तटबंधों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई। यह सीधे तौर पर लापरवाही और घोर अनुशासनहीनता है। उन्होंने यह भी बताया कि अन्य वरीय पदाधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई होगी।
19 जून की शाम उदेरास्थान बैराज से 73,067 क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ा, जो कि पिछले वर्ष के अधिकतम जलस्राव (68,268 क्यूसेक) से लगभग 4,439 क्यूसेक अधिक है। इसके कारण बंधुगंज काजवे गेज स्टेशन पर 62.15 मीटर का रिकॉर्ड स्तर दर्ज किया गया।
जल संसाधन मंत्री ने बताया कि निरंजना (फलगू), मुहाने, उत्तर कोयल, सकरी और पंचाने नदियों में जलस्तर एक साथ बढ़ना एक असाधारण परिस्थिति है। नालंदा जिले के एकंगरसराय प्रखंड के केशोपुर गांव में लोकाईन नदी के किनारे स्थित बांध पूरी तरह टूट गया, जिससे आसपास के इलाकों में पानी तेजी से फैल गया। इसके अलावा भूतही, धोवा और महात्माइन नदियों पर बने तटबंध भी प्रभावित हुए हैं, जिससे नालंदा, जहानाबाद और पटना जिलों के सीमावर्ती इलाकों में खतरे की स्थिति बनी हुई है।
जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल और अभियंता प्रमुख शरद कुमार ने बताया कि तटबंधों की तत्काल मरम्मत के लिए आपातकालीन राशि जारी कर दी गई है। पटना से अतिरिक्त अभियंताओं और तकनीकी विशेषज्ञों की टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है। रात-दिन काम करके तटबंधों को सुदृढ़ करने का प्रयास हो रहा है। मंत्री विजय चौधरी ने आगे कहा कि अब सभी प्रमुख बांधों और तटबंधों की 24 घंटे निगरानी होगी। जलस्तर की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है और संबंधित जिलों के प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की निगरानी में स्थानीय प्रशासन, NDRF और आपदा प्रबंधन की टीमें राहत एवं पुनर्वास कार्यों में जुटी हैं। सुरक्षित स्थानों पर लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है और बाढ़ प्रभावित गांवों में नावों से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।