ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Voter List Revision: बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का काम अंतिम चरण में, अब तक 98% मतदाता कवर; EC का दावा Bihar Voter List Revision: बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का काम अंतिम चरण में, अब तक 98% मतदाता कवर; EC का दावा Bihar News: स्वतंत्रता सेनानी रामधारी सिंह उर्फ जगमोहन सिंह का निधन, देश की आजादी में निभाई थी अहम भूमिका Bihar News: बिहार की सरकारी वेबसाइटों का होगा साइबर ऑडिट, आर्थिक अपराध इकाई ने बनाया बड़ा प्लान Bihar News: बिहार की सरकारी वेबसाइटों का होगा साइबर ऑडिट, आर्थिक अपराध इकाई ने बनाया बड़ा प्लान Bihar Crime News: बिहार में घरेलू कलह ने लिया हिंसक रूप, दांतों से पति की जीभ काटकर निगल गई पत्नी Bihar Crime News: बिहार में घरेलू कलह ने लिया हिंसक रूप, दांतों से पति की जीभ काटकर निगल गई पत्नी Bihar Transport: फिटनेस का फुल स्पीड खेल ! बिहार के ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर 'प्रमाण पत्र' जारी करने में देश भर में बना रहे रिकॉर्ड, गाड़ियों की जांच के नाम पर 'फोटो फ्रॉड इंडस्ट्री' ? Bihar Politics: SIR के मुद्दे पर तेजस्वी के साथ खडे हुए JDU सांसद, निर्वाचन आयोग के फैसले को बताया तुगलकी फरमान Bihar Politics: SIR के मुद्दे पर तेजस्वी के साथ खडे हुए JDU सांसद, निर्वाचन आयोग के फैसले को बताया तुगलकी फरमान

बिहारशरीफ सदर अस्पताल में ब्लड के नाम पर लूट, पैसा लेने के बावजूद नहीं चढ़ाया गया खून, आशा कार्यकर्ता फरार

बिहारशरीफ सदर अस्पताल में ब्लड के नाम पर लूट, पैसा लेने के बावजूद नहीं चढ़ाया गया खून, आशा कार्यकर्ता फरार

23-Sep-2023 05:47 PM

By First Bihar

NALANDA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा के बिहारशरीफ सदर अस्पताल में लाल खून का काला धंधा चल रहा है। उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव के विभाग में लूट मचा हुआ है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब नगर निगम का सफाई कर्मी पत्नी को प्रसव के लिए अस्पताल लेकर पहुंचा। इमादपुर मोहल्ला निवासी जितेंद्र कुमार अपनी पत्नी रागनी कुमारी को प्रसव के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल में एडमिट कराया। 


जहां प्रसव से पहले महिला की जांच की गयी। जिसमें खून की कमी बतायी गयी और ऑपरेशन की बात कही गयी। इस दौरान वहां मौजूद आशा कार्यकर्ता ने खून के बदले 6 हजार रुपये की मांग की। तब जितेंद्र के पास सिर्फ 2 हजार रुपये थे जो उसने आशा को दे दिया। जिसके बाद और पैसा लाने के लिए वह अपने घर चला गया। घर से 3 हजार रुपया लेकर आया और फिर उसे 3 हजार रुपये दिया। 


आशा को जितेंद्र ने कुल पांच हजार रुपया दिया। इस दौरान रागनी का प्रसव हो चुका था। रागनी बेटे को जन्म दे चुकी थी लेकिन उसे खून चढ़ाया ही नहीं गया। प्रसव के बाद आशा कार्यकर्ता अस्पताल से फरार हो गयी। जितेंद्र आशा को अस्पताल में ढूंढता रहा लेकिन उससे मुलाकात नहीं हो सकी। ब्लड चढ़ाने के नाम पर आशा 5 हजार रूपया लेकर फरार हो गयी। जिसे देखकर यह कहा जा सकता है कि बिहारशरीफ सदर अस्पताल में लाल खून का काला कारोबार फल फूल रहा है। मामले में जानकारी जब सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अशोक कुमार को हुई तो वो भी इस बात से हैरान रह गये। उपाधीक्षक ने कहा कि पीड़ित द्वारा लिखित शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। 

नालंदा से राजकुमार मिश्रा की रिपोर्ट..