PATNA : हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलने वाले बिहार के लिए एक अच्छी खबर है। बिहार में में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए जल संसाधन विभाग सर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित अत्याधुनिक तकनीक के साथ अब ड्रोन का भी इस्तेमाल करेगा। ड्रोन का इस्तेमाल बाढ़ के दौरान तटबंधों की रीयल टाइम मॉनिटरिंग में किया जाएगा। इस पहल से 72 घंटे पहले बाढ़ की जानकारी मिल सकेगी। इस पूरी व्यवस्था में विभाग की संस्था बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायता केंद्र स्थित मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यह संस्था आंकड़ों का विश्लेषण कर अगले 72 घंटे की स्थिति का सटीक पूर्वानुमान जारी करेगी।
जल संसाधन मंत्री संजय झा के मुताबिक बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए विभाग द्वारा लगातार नई तकनीकों के इस्तेमाल के साथ-साथ नये-नये प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर की स्थापना की गई थी, जिसके द्वारा वर्षा और नदियों के जलस्तर का अगले 72 घंटे का अत्यंत सटीक पूर्वानुमान रोज जारी किया जा रहा है। एफएमआईएससी द्वारा फ्लड फॉरकास्ट मॉडल भी तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत बागमती-अधवारा, कोसी, गंडक और महानंदा नदियों की बाढ से संबंधित पूर्वानुमान तैयार किया जा रहा है।
संस्था ने तीन तरह के मॉडल तैयार किये हैं। आंकड़े तैयार करने के लिए संस्था द्वारा तीन मॉडल तैयार किये गये है। रीजनल, फ्लड फॉरकास्ट व रिवर बिहेवियर एनालिसिस मॉडल। इस तकनीक का इस्तेमाल पिछले वर्ष भी किया गया था, जिसकी सहायता से जानमाल के नुकसान को कम करने में मदद मिली थी। इन आंकड़ों से प्रशासन को भी लोगों को समय रहते एलर्ट करने व उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में मदद मिलती है।