ब्रेकिंग न्यूज़

पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?

गया में माओवादियों के पोस्टर से दहशत, आफताब, जुबेर, शशिकांत, सुनील को हाजिर होने को कहा

गया में माओवादियों के पोस्टर से दहशत, आफताब, जुबेर, शशिकांत, सुनील को हाजिर होने को कहा

01-Dec-2022 03:03 PM

GAYA : लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार की बरसी पर माओवादियों ने आफताब अंसारी, जुबेर अंसारी, शशिकांत रविदास और सुनील पासवान को हाजिर होने का निर्देश दिया है। बुधवार की देर रात गया के डुमरिया में भाकपा माओवादियों ने पोस्टर चिपकाकर इन सभी को हाज़िर होने को कहा है। पोस्टर में ये भी कहा गया है कि भाकपा (माओवादी) से जुड़ा संगठन पीएलजीए के 19वें स्थापना दिवस पर नवयुवकों की नियुक्तियां करेगा, जिसके बाद गांव-गांव में मोर्चा बनाया जाएगा। 




भाकपा माओवादी ने ये पोस्टर डुमरिया प्रखंड के महुडी पंचायत के प्राथमिक विद्यालय बरवाडीह में चिपकाया है। दरअसल, लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार के आज  25 साल पूरे हो चुके हैं। ऐसे में इस तरह के पोस्टर से लोग सहम गए हैं। लक्ष्मणपुर बाथे जैसी घटना को आज भी कोई भूल नहीं पाया है। ये वही नरसंहार है जिसमें अरवल में एक घंटे के अंदर पांच दर्जन लोगों की हत्या कर दी गई थी। वहीं, एक बार फिर माओवादियों ने लोगों के बीच दहशत फैला दिया है। 




आपको बता दें, माओवादी संगठन जंगलों में अपना अड्डा ज़माना चाहते हैं। हालांकि इन जंगलों में कोबरा जवान काफी एक्टिव रहते हैं। यही वजह है कि नक्सल प्रभावित पुराने इलाकों में संगठन का विस्तार खुलकर सामने नहीं आया है। भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता के निधन और गिरफ्तारी के बाद संगठन कमजोर हो चुका है। अब भाकपा माओवादियों ने पोस्टर के ज़रिये भाकपा माओवादी दुबारा संगठन को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। माओवादी पोस्टर चिपकाकर अपनी मंशा जाहिर कर रहे हैं। जिस तरह से नौजवानों की नियुक्ति की बात कही गई है और पुराने ढर्रे पर हाजिर होने का निर्देश दिया गया है उससे माना जा रहा है कि यह उसी का हिस्सा है।