MUNGER : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों के नेता अपने-अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. लोगों के साथ जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है. चुनाव प्रचार के दौरान कई नेताओं को जनता की नाराजगी का सामना कारण पड़ रहा है. नीतीश सरकार में मंत्री शैलेश कुमार को भी अपने ही इलाके में भारी फजीहत झेलनी पड़ी है. जनसंपर्क अभियान के दौरान ग्रमीणों ने उन्हें गांव से खदेड़ दिया. इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जो तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है.
मामला मुंगेर जिले के जमालपुर इंद्ररुख गांव का है. जहां नीतीश सरकार में ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे. इस दौरान लोगों के साथ उनकी कड़ी बहस हो गई. लोगों ने उनसे कामकाज का हिसाब मांगना शुरू कर दिया. ग्रामीणों मंत्री शैलेश कुमार के ऊपर विकास के बदले जातिवाद करने का आरोप लगाया और उन्हें वोट देने से साफ़ इंकार कर दिया. ग्रामीणों ने मंत्री शैलेश कुमार को आइना दिखाते हुए कहा की उन्होंने जमालपुर का विकास करने के बजाए सिर्फ जातिवाद किया है.
विरोध के दौरान स्थानीय लोगों ने ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार से कहा कि वे लोग आरजेडी या बीजेपी को वोट दे देंगे लेकिन किसी भी हाल में जेडीयू को वोट नहीं देंगे. जिसके बाद मंत्री ने अपनी सफाई देनी चाही लेकिन लोगों के आक्रोश के सामने उनकी एक न चली और उल्टे पांव उन्हें गांव से भागना पड़ा. बताया जा रहा है कि जनसंपर्क अभियान के दौरान जमालपुर इंद्ररुख गांव पहुंचे मंत्री ने मुखिया को 'मुखिया जी' नहीं डायरेक्ट मुखिया कह कर बुलाया, इसलिए लोग नाराज हो उठे.
मंत्री शैलेश कुमार जिला मुखिया संघ के पूर्व अध्यक्ष देवेश सिंह के पिता अशोक कुमार सिंह सहित अन्य ग्रामीणों से बातचीत कर रहे थे. बातचीत के दौरान गांव में सड़क, सिंचाई सहित अन्य समस्याएं दूर नहीं होने के कारण ग्रामीणों और मंत्री में नोकझोंक शुरू हो गई. इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क नहीं बनने पर मंत्री की जमकर क्लास ली.