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Bihar News: सरकारी कर्मचारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग अब कार्य के अनुसार, लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त, नए नियम जारी

Bihar News: राजस्व मंत्री संजय सरावगी ने अंचलाधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग काम के आधार पर करने का आदेश दे दिया है। दाखिल-खारिज और डिजिटाइजेशन में लापरवाही पर होगी कार्रवाई।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 09 May 2025 07:37:15 AM IST

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प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar News: बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने पटना में दो दिवसीय समीक्षा बैठक में सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि अब अंचलाधिकारियों और राजस्व कर्मचारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग उनके काम के प्रदर्शन के आधार पर होगी। उन्होंने अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे कर्मचारियों के पदस्थापन में भी इसी मानदंड का पालन करें। दाखिल-खारिज के अस्वीकृत और लंबित मामलों की स्थिति पर गहरी नाराजगी जताते हुए सुधार के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा। पश्चिम चंपारण के चनपटिया, अररिया के पलासी, मधुबनी के बाबूबरही, और पूर्वी चंपारण के मधुबन जैसे अंचलों में रिजेक्शन की उच्च दर को लेकर मंत्री ने साफ कहा, “बिना सुनवाई के रिजेक्शन बर्दाश्त नहीं होगा।”


बताते चलें कि, समीक्षा बैठक में दाखिल-खारिज के लंबित मामलों की स्थिति ने भी विभाग को सकते में डाल दिया। मुजफ्फरपुर के मुसहरी, अररिया के रानीगंज, पूर्णिया ईस्ट सदर, और सीतामढ़ी के डुमरा जैसे अंचलों में समयसीमा के बाद भी मामले लंबित होने पर मंत्री ने कड़ा असंतोष जताया। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि जनता के काम में देरी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह और सचिव जय सिंह ने विभिन्न अंचलों के प्रदर्शन की गहन समीक्षा की और स्पष्ट निर्देश दिए कि जहां भी शिथिलता दिखे, वहां तत्काल कार्रवाई होगी।


बता दें कि, परिमार्जन प्लस पोर्टल पर जमाबंदी के डिजिटाइजेशन की प्रगति भी उम्मीद से कम रही। पूर्णिया ईस्ट, कटिहार के कुर्सेला, समस्तीपुर के रोसड़ा, वैशाली के भगवानपुर, और पश्चिम चंपारण के जोगापट्टी जैसे अंचलों की डिजिटाइजेशन रिपोर्ट को असंतोषजनक बताया गया। मंत्री ने डिजिटल सुधारों को गति देने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए। विभागीय सचिवों ने जोर दिया कि डिजिटाइजेशन से भूमि विवाद कम होंगे, लेकिन इसके लिए समयबद्ध प्रयास जरूरी हैं। 


केवल यही नहीं, बैठक में प्रदर्शन आधारित जवाबदेही पर जोर दिया गया। निदेशक चकबंदी राकेश कुमार सिंह, निदेशक भू-अर्जन कमलेश कुमार सिंह, और विशेष सचिव अरुण कुमार सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। मंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया कि लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई होगी। यह कदम बिहार में भूमि सुधार और राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने की दिशा में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।