शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में बड़ा बदलाव, JTET पास अभ्यर्थियों को अब बदलनी होगी अपनी भाषा, 7 को नहीं किया गया शामिल

शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में बड़ा बदलाव, JTET पास अभ्यर्थियों को अब बदलनी होगी अपनी भाषा, 7 को नहीं किया गया शामिल

RANCHI: झारखंड में 26 हजार शिक्षकों की बहाली होनी है। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कर्मचारी चयन आयोग ने झारखंड में प्रक्रिया शुरू कर दी है। शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। शिक्षक पात्रता परीक्षा (JTET) पास अभ्यर्थियों को अब अपनी भाषा बदलनी होगी। क्योंकि 7 भाषा मगही, अंगिका, भोजपुरी, माल्तो, बिरहोरी, असुर, भूमिज को शिक्षक नियुक्ति में शामिल नहीं किया गया है।


बता दें कि 2013 और 2016 में शिक्षक पात्रता परीक्षा झारखंड में हुई थी। जिसमें जिलावार जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा का विकल्प दिया गया था। इसी के आधार पर अभ्यर्थी किसी एक भाषा से जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा को सिलेक्ट कर परीक्षा में शामिल हो सकते थे। लेकिन जिन 7 भाषा का विकल्प झारखंड टीईटी में दिया गया था उसे शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में शामिल ही नहीं किया गया है। अब 15 भाषा विकल्प के तौर पर दिया गया है जिसे सिलेक्ट कर अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती परीक्षा में उस भाषा में परीक्षा दे सकते हैं। 


हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, खड़िया, कुडूख, कुरमाली, खोरठा, नागपुरी, पंचपरगनिया, उड़िया,संताली, बांग्ला, मुंडारी, हो व संस्कृत भाषा में अभ्यर्थी परीक्षा दे सकते हैं। जबकि मगही, अंगिका, भोजपुरी, माल्तो, बिरहोरी, असुर, भूमिज भाषा को शिक्षक नियुक्ति में शामिल नहीं किया गया है।


बता दें कि झारखंड में जो शिक्षक पात्रता परीक्षा 2013 और 2016 में ली गयी थी उसमें कुल 22 भाषाओं में परीक्षा ली गयी थी। कुडुख, खड़िया, मुंडारी, हो, संताली, असुर, बिरहोरी, भूमिज, माल्तो, नागपुरी, पंजपरगनिया, कुरमाली, बांग्ला, उड़िया, मगही, अंगिका, भोजपुरी, खोरठा शामिल है वही हिंदी-अंग्रेजी समेत 11 भाषाओं को मातृभाषा के रूप में चुनने का विकल्प दिया गया था। 


शिक्षक परीक्षा में मातृभाषा में पास होना अनिवार्य रखा गया है। मातृभाषा में पास होने के बाद ही अन्य विषयों की कॉपी जांची जाएगी। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से 26 हजार शिक्षकों की बहाली होगी। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।