Tirhut Graduate Election: लगातार जनसंपर्क कर रहे जनसुराज के उम्मीदवार, डॉ. विनायक ने कहा..ईमानदारी से जनता की सेवा करना मेरा लक्ष्य..शिक्षा-स्वास्थ्य सेवा करेंगे दुरुस्त

Tirhut Graduate Election: लगातार जनसंपर्क कर रहे जनसुराज के उम्मीदवार, डॉ. विनायक ने कहा..ईमानदारी से जनता की सेवा करना मेरा लक्ष्य..शिक्षा-स्वास्थ्य सेवा करेंगे दुरुस्त

MUZAFFARPUR: (Bihar Politics) बिहार में कुछ दिनों पहले हुए विधानसभा की चार सीटों पर उप चुनाव के बाद सत्तारूढ़ एनडीए के सामने एक औऱ परीक्षा आई है.  तिरहुत स्नातक क्षेत्र से एमएलसी का उप चुनाव हो रहा है. इस चुनाव में प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने जनसुराज से डॉ. विनायक गौतम को उम्मीदवार बनाया है। डॉ. विनायक गौतम लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं और लोगों से  अपने बच्चों के लिए वोट देने की अपील कर रहे हैं। 


तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में विधान परिषद उपचुनाव के लिए जनसुराज के उम्मीदवार डॉ. विनायक गौतम लगातार लोगों के बीच जाकर जनसंपर्क कर रहे हैं। डॉ. विनायक हर क्षेत्र में स्थानीय लोगों से मिल रहे हैं और उनसे अपने बच्चों के लिए वोट करने की अपील कर रहे हैं।


इस मौके पर डॉ. विनायक गौतम ने मीडिया से कहा कि मैं पेशे से डॉक्टर हूं। अबतक इस क्षेत्र में पूरी ईमानदारी से सेवा की है। इसी तरह राजनीति में भी पूरी ईमानदारी से जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयत्न करूंगा। राजनीति मेरे लिए जनता की सेवा करने का दूसरा जरिया है। उन्होंने कहा कि मैं तिरहुत क्षेत्र के लोगों से सीधा जुड़ा रहा हूं। उनके बीच रहकर उनकी सेवा करता रहा हूं। जनसुराज का अभियान सिर्फ सत्ता हासिल करना नहीं है, बल्कि हमारा संकल्प बिहार में बदलाव लाना है।


तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के हो रहे उपचुनाव को लेकर जन सुराज पार्टी समर्थित प्रत्याशी डॉ. विनायक गौतम में वैशाली जिले में मंगलवार को कई जगहों पर लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने लोगों से शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक करने का वादा किया। उन्होंने चुनाव क्षेत्र में बाहरी उम्मीदवार का मुद्दे उठाया। उन्होंने जीतने पर अपना वेतन शिक्षण संस्थानों को सौंपने की बात कही।


5 दिसंबर को होगा तिरहुत स्नातक चुनाव

दरअसल तिरहुत स्नातक क्षेत्र से जेडीयू के देवेश चंद्र ठाकुर एमएलसी हुआ करते थे. पिछले लोकसभा चुनाव में वे सांसद चुन लिये गये. इसके बाद खाली पड़ी एमएलसी सीट पर उप चुनाव हो रहा है. 5 दिसंबर को इस सीट पर वोटिंग होनी है. चार जिलों यानि मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, वैशाली और शिवहर के स्नातक वोटर एमएलसी को चुनने के लिए वोट डालेंगे. कई प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. इनमें एनडीए की ओर से जेडीयू के अभिषेक झा और महागठबंधन की ओर से आरजेडी के गोपी किशन के साथ-साथ प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी विनायक गौतम भी मैदान में है.


प्रशांत किशोर की मजबूत दावेदारी

प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने तिरहुत स्नातक के लिए अपनी पार्टी से विनायक गौतम को प्रत्याशी बनाया है. विनायक गौतम वैसे तो पेशे से डॉक्टर हैं लेकिन उनकी मजबूत पारिवारिक राजनीतिक विरासत रही है. विनायक गौतम के पिता रामकुमार सिंह तिरहुत स्नातक क्षेत्र से कई दफे एमएलसी रह चुके हैं. उनके नाना स्व. रघुनाथ पांडेय अपने दौर में मुजफ्फरपुर और आस-पास के जिलों के सबसे कद्दावर राजनेता माने जाते थे. तिरहुत स्नातक क्षेत्र में कमजोर पहचान वाले जेडीयू और आरजेडी के उम्मीदवार के सामने मजबूत पहचान वाले विनायक गौतम ज्यादा दमदार माने जा रहे हैं. 


तिरहुत में कैंप कर रहे हैं प्रशांत किशोर

तिरहुत स्नातक चुनाव में अपने उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए प्रशांत किशोर पूरी तैयारी के साथ डटे हुए हैं. वे न सिर्फ वहां कैंप कर रहे हैं बल्कि सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं. प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को शिक्षकों का सबसे बडा दुश्मन करार दिया है. उन्होंने कहा है कि हम 2 वर्ष से पैदल चल रहे हैं, जितने भी शिक्षक हमसे मिले हैं, उसने अपनी गुहार यही लगाई है कि 10 वर्ष में अगर सबसे ज्यादा किसी ने शिक्षकों को सताया है तो वह नीतीश कुमार की सरकार है. अब क्या चुनाव में शिक्षक अपनी दुर्दशा भूल जाएंगे. डाकबंगला पर उन पर लाठी चली थी, वह भूल जाएंगे. 


समीकरण भी पक्ष में

तिरहुत स्नातक क्षेत्र में प्रशांत किशोर के पक्ष में कई तथ्य जुड़ गये हैं. चार जिलों वाले इस क्षेत्र का सबसे बड़ा जिला मुजफ्फरपुर है. जन सुराज के प्रत्याशी मुजफ्फरपुर के निवासी हैं. दूसरी ओर जेडीयू के प्रत्याशी इस क्षेत्र के किसी जिले के निवासी नहीं हैं. तिरहुत क्षेत्र में स्नातकों के सबसे ज्यादा वोट जिस जाति के हैं, प्रशांत किशोर के उम्मीदवार उसी जाति से आते हैं. स्थानीय जानकार मानते हैं कि प्रशांत किशोर कम से कम 40 से 50 हजार वोट अपने साथ लेकर मैदान में उतरे हैं. उसके बाद वे जितना ज्यादा वोट अपने साथ जोड़ सकें, जीत की संभावना उतनी ज्यादा हो जायेगी.