"राम खिचड़ी यात्रा" से सामाजिक समरसता का संदेश, समाजसेवी अजय सिंह ने शुरू की अनूठी पहल सहरसा में मरीज की मौत पर हंगामा, डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप Bihar Crime News: भूमि विवाद में मारपीट, तीन लोग गंभीर रूप से घायल, सदर अस्पताल में भर्ती Bihar Crime News: भूमि विवाद में मारपीट, तीन लोग गंभीर रूप से घायल, सदर अस्पताल में भर्ती Bihar Politics: ‘चुनाव आयोग खुद राजनीतिक पार्टी बन गया है’ VIP चीफ मुकेश सहनी का EC पर तंज Bihar Politics: ‘चुनाव आयोग खुद राजनीतिक पार्टी बन गया है’ VIP चीफ मुकेश सहनी का EC पर तंज बिहार में 15 दिनों तक चला ऑपरेशन नया सवेरा, ह्यूमन ट्रैफिकिंग में फंसे 112 लोग कराये गये मुक्त, 50 मानव तस्कर भी गिरफ्तार Patna Crime News: पटना में सरेआम पिस्टल लहराना पड़ा भारी, पुलिस ने आरोपी युवक को किया अरेस्ट Patna Crime News: पटना में सरेआम पिस्टल लहराना पड़ा भारी, पुलिस ने आरोपी युवक को किया अरेस्ट Bihar News: रेरा में अब आपकी मर्जी से होगा फैसला, मध्यस्थता के लिए मिलेगा विकल्प; लागू हुई नई व्यवस्था
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 20 Mar 2023 09:55:46 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: राजधानी पटना में ’पोरस सिकंदर' नाटक के मंचन के साथ ही अनिल मुखर्जी शताब्दी नाट्योत्सव का समापन हो गया। पटना के रवीन्द्र भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्व सांसद आरके सिन्हा शामिल हुए। उन्होंने कहा कि पारसी रंगमंच ने तत्कालीन समय को अच्छे से किया उजागर किया।
अनिल कुमार मुखर्जी नाट्योत्सव के अंतिम दिन बिहार सचिवालय स्पोर्ट्स फाउंडेशन के रंगकर्मियों द्वारा पोरस सिकंदर नाटक का मंचन रवीन्द्र भवन मे किया गयाकार्यक्रम के आयोजन समिति के अध्यक्ष और पूर्व सांसद रवीन्द्र किशोर सिन्हा और बिहार संगीत नाटक अकादेमी के पूर्व उपाध्यक्ष कुमार अनुपम ने इस नाटक के प्रदर्शन के पहले परिसर मे प्रदर्शित नुक्कड़ नाटक के निर्देशक सम्राट उपाध्याय और कलाकारों को सम्मानित किया।
पोरस सिकंदर नाटक मे विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं को दृश्यों और पारसी शैली की अभिनय शैली के माध्यम से मंच पर दर्शाया गया। सिकंदर अपने पिता की मृत्यु के पश्चात अपने सौतेले व चचेरे भाइयों का कत्ल करने के बाद यूनान के मेसेडोनिया के सिन्हासन पर बैठा था। अपनी महत्वाकांक्षा के कारण वह विश्व विजय को निकला। जब सिकंदर ईरान से आगे बड़ा तो उसका सामना भारतीय सीमा पर बसे छोटे छोटे राज्यों से हुआ।
भारत की सीमा में पहुंचते ही पहाड़ी सीमाओं पर भारत के अपेक्षाकृत छोटे राज्यों अश्वायन एवं अश्वकायन की वीर सेनाओं ने कुनात, स्वात, बुनेर, पेशावर में सिकंदर की सेनाओं को भयानक टक्कर दी। मस्सागा (मत्स्यराज) राज्य में तो महिलाएं तक उसके सामने खड़ी हो गईं, पर धूर्त और धोखे से वार करने वाले यवनी (यूनानियों) ने मत्स्यराज के सामने संधि का नाटक करके उन पर रात में हमला किया और उस राज्य की राजमाता, बच्चों सहित पूरे राज्य को उसने तलवार से काट डाला। यही हाल उसने अन्य छोटे राज्यों में किया। मित्रता संधि की आड़ में अचानक आक्रमण कर कई राजाओं को बंधक बनाया। भोले-भाले भारतीय राजा उसकी चाल का शिकार होते रहे। अंत में उसने गांधार-तक्षशिला पर हमला किया।
गांधार-तक्षशिला के राजा आम्भी ने सिकंदर से लड़ने के बजाय उसका भव्य स्वागत किया। आम्भी ने ऐसे इसलिए किया क्योंकि उसी पोरस से शत्रुता थी और दूसरी ओर उसकी सहायता करने वाला कोई नहीं था। गांधार-तक्षशिला के राजा आम्भी ने पोरस के खिलाफ सिकंदर की गुप्त रूप से सहायता की। सिकंदर ने पोरस के पास एक संदेश भिजवाया जिसमें उसने पोरस से सिकंदर के समक्ष समर्पण करने की बात लिखी थी, लेकिन पोरस एक महान योद्ध था और उसने सिकंदर को युद्ध मे इतना तबाह कर डाला कि वह वापस मौत लौट गया और रास्ते मे उसकी मृत्य मृत्यु भी हो गईपोरस की वीरता की गाथा नाटक मे दिखाई गई इसमे पोरस की भूमिका मे नंद लाल सिंह को लोगों ने काफी पसंद किया सिकंदर की भूमिका मे प्रभावी अभिनय करते अवधेश नारायण प्रभाकर विशाल इस नाटक के निर्देशक भी थे।
मंच पर कई नाट्य कलाकार मौजूद थे। अवधेश नारायण प्रभाकर "विशाल" सिकन्दर (यूनान का सम्राट) ,नन्द लाल सिंह- पोरस (पंजाब का राजा),अभिमन्यु दास -दिवाकर (पोरस का बेटा)मिथिलेश कुमार सिन्हा। -तक्षशील (तक्षशीला का राजा),मनीष कुमार श्रीवास्तव -सुमंत (पोरस का सेनापति) शशि रंजन कुमार -हेफिस्टियन (यूनान का सेनापति),शिव शंकर लाल श्रीवास्तव सफीर (सिकन्दर का दूत) विभा कुमारी- अम्बालिकाशी की बहन) रश्मि भारती -मनोरमा तक्षशील की बेटी, संगीता चंद्रा-इन्दिरा (अटक की राजकुमारी) कृति ज्योत्स्ना वर्मा-सुमित्रा (सेनापति सुमन्त की पत्नी) गौतम कुमार -ऋषि दाण्डायन (भारत का ज्योतिषी) आदर्श वैभव-पोरस का सैनिक नं.-1 ,रीतेश कुमार झा - पोरस का सैनिक नं-2,राकेश कुमार- सिकन्दर का सैनिक नं0-1 नेपथ्य में चन्दना घोष एवं शशांक घोष - रूप सज्जा,डॉ० नित्यानन्द सिंह एवं रोहित कुमार -मच व्यवस्था ऋद्धि-सिद्धि एवं आशा रानी -वस्त्र विन्यास,अभिमन्यु दास,परिधान व्यवस्था, अजय ब्रह्मानन्द-संगीतकार ,ज्योति- पाली कुमारी ने तकनीकि व्यवस्था ,नाट्यकार / निर्देशक / परिकल्पक - अवधेश नारायण प्रभाकर "विशाल" भी मौजूद रहे।