PATNA : 2020 के आखिरी महीनों में बिहार विधानसभा का चुनाव होना है। इसके लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी भी अभी से शुरू कर रखी है लेकिन विधानसभा चुनाव के पहले विधान परिषद की खाली हो रही सीटों पर एडजस्टमेंट के लिए नेताजी अभी से सेटिंग में लग गए हैं। बिहार विधान परिषद की 75 में से 29 सीटों पर सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। विधान परिषद के खाली हो रही है इन सीटों पर सभी राजनीतिक दलों से नेताओं की नजरें टिकी हुई हैं।
बिहार विधान परिषद में विधानसभा कोटे से निर्वाचित जिन सदस्यों का कार्यकाल मई 2020 में पूरा हो रहा है उनमें विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारून रशीद के अलावे मंत्री अशोक चौधरी, पीके शाही, सतीश कुमार, कृष्ण कुमार सिंह, संजय प्रकाश, राधा मोहन शर्मा, हीरा प्रसाद बिंद और सोनेलाल मेहता शामिल हैं। इन सभी का कार्यकाल अगले साल मई में खत्म हो जाएगा। हारून रशीद और अशोक चौधरी को जेडीयू फिर से विधान परिषद भेजेगा इसकी पूरी संभावना है लेकिन इसके अलावा अन्य सदस्यों को परिषद में दोबारा पहुंचने के लिए अपने पार्टी नेतृत्व की हरी झंडी का इंतजार करना होगा।
अगले साल मई महीने में ही राज्यपाल की तरफ से मनोनीत 10 सदस्यों का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है। इनमें राम लखन राम रमन, राणा गंगेश्वर सिंह, जावेद इकबाल अंसारी, शिव प्रसन्न यादव, विजय कुमार मिश्रा, संजय कुमार सिंह, डॉ राम वचन राय, ललन कुमार सर्राफ, रणवीर नंदन और रामचंद्र भारती का नाम शामिल है। राज्यपाल की तरफ से मनोनीत किए जाने वाले कोटे की 2 सीटें पहले से ही खाली पड़ी हैं। इसके अलावे स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से चुनकर आने वाले 4-4 एमएलसी मई 2020 में अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से चुनकर आने वाले प्रो नवल किशोर यादव, संजय कुमार सिंह, केदारनाथ पांडे और मदन मोहन झा का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है। साथ ही साथ स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित मंत्री नीरज कुमार, देवेश चंद्र ठाकुर, दिलीप कुमार चौधरी और डॉ एनके यादव की सीटें भी शामिल हैं।