BANKA : बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. सूबे की पुलिस के ऊपर शराबबंदी कानून को जमीन पर उतारने की बड़ी जिम्मेदारी है. लेकिन बिहार के बांका जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो काफी हैरान करने वाला है. दरअसल घर से शराब जब्ती के एक मामले में पुलिस ने मुखिया को गिरफ्तार कर लिया है. मुखिया की गिरफ़्तारी के बाद गांव में एक शादी रुक गई है और सारे बाराती गांव में ही डेरा-डंडा डालकर बैठ गए हैं.
घटना शराबबंदी वाले बिहार के बांका जिले की है, जहां लौंगाय पंचायत के कुशाहा गांव में पुलिस ने घर से शराब बरामद होने के एक मामले में मुखिया को गिरफ्तार कर लिया है. मुखिया की गिरफ़्तारी के बाद गांव में एक शादी रुक गई है. बताया जा रहा है कि जिस मुखिया को गिरफ्तार किया गया है. वही दुल्हन का कन्यादान करने वाला था. लेकिन शादी संपन्न होने से पहले ही बांका पुलिस ने उसे उठा लिया, जिसके कारण उसकी शादी रुक गई.
शादी रुक जाने के कारण दूल्हे के साथ आये सारे बाराती भी गांव में ही डेरा-डंडा डालकर बैठ गए हैं. वे दुल्हन के बिना बारात वापस ले जाने को तैयार ही नहीं हैं. इतना कुछ बीत जाने के बाद कुशाहा गांव के रहने वाले रसिकलाल मुर्मू के बेटे दिनेश मुर्मू ने बांका के डीएम, एसपी और बीडीओ को आवेदन दिया है. दिनेश मुर्मू ने जिले के आलाधिकारियों से अपनी बहन की शादी संपन्न कराने की गुजारिश की है.
बताया जा रहा है कि दिनेश मूर्मू की बहन बासमती मुर्मू की शादी बौंसी थाना क्षेत्र के शोभा गांव निवासी अरविंद मरांडी के साथ तय हुई है. बीते 5 अप्रैल को ही आदिवासी परंपरा के अनुसार शादी होने वाली थी. लेकिन उससे पहले ही गांव के मुखिया गोपाल सोरेन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. बताया जा रहा है कि बिना मुखिया के रहते आदिवासी समुदाय में शादी कार्य नहीं होता है.
आदिवासी परंपरा के अनुसार देवी-देवताओं को चढ़ावा में शराब चढ़ाया जाता है. इसके लिए लगभग दो लीटर शराब घर में रखा था. लेकिन पुलिस के अनुसार, 13 लीटर शराब बरामद हुआ. कहा जा रहा है कि प्रधान आने के बाद ही शादी होगी. दुल्हे के साथ बराती गांव में डेरा डाले हुए हैं. कथित परंपरा के अनुसार, शादी के बाद ही दूल्हा अपनी दुल्हन को लेकर गांव में प्रवेश कर सकते है. या फिर युवती को विधवा घोषित करना होगा. शादी रुक जाने से लड़की के पिता भी बेचैन हैं.
बांका जिले के प्रभारी एसपी संजय कुमार ने बताया है कि शराबबंदी कानून का कड़ाई से पालन किया जा रहा है. शराबबंदी एक्ट में किसी जाति विशेष के लिए अलग से कोई प्रावधान नहीं है. कानून सबके लिए बराबर है. शादी होने व रुकने का मामला उनका निजी मामला है. कानून के तहत पुलिस अपना काम कर रही है. उधर बीडीओ अभिनव भारती ने कहा कि पीड़ित का आवेदन प्राप्त हुआ है. मामले की जानकारी डीएम को दी गयी है. चूंकि मामला न्यायालय के अधीन है. ऐसे में किसी भी तरह का हस्तक्षेप असंभव है.