ब्रेकिंग न्यूज़

पटना में थिनर के गोदाम में लगी भीषण आग, रोहतास में नल-जल योजना का प्लास्टिक पाइप जलकर राख, लाखों का नुकसान महापौर विभा कुमारी ने सरहुल पूजा पर पूर्णियावासी को हाईमास्ट और तिरंगा लाइट का दिया तोहफा, बोलीं..नगर निगम मेरा परिवार 50 साल के जीजा से नाबालिग ने शादी नहीं किया तो कर दी हत्या, चाचा ने 10 फीट गहरे गड्ढे में दफनाया प्रसव के दौरान नवजात की मौत, गुस्साए परिजनों ने किया हंगामा, नर्स पर लापरवाही का आरोप अररिया के सांसद प्रदीप सिंह ने शकील सैफी से भेंटकर ईद की दी बधाई, अररिया में निवेश को दिया न्योता Bihar politics: अमित शाह के ‘बाढ़ मुक्त बिहार’ के दावे पर लालू का पलटवार बिहार की राजनीति की मुख्य धारा से आउट हुए प्रशांत किशोर, PU छात्र संघ इलेक्शन के रिजल्ट से फिर वोटकटवा ही साबित हुए थाने में घुसकर किन्नरों ने किया हंगामा, गिरफ्तार दो साथियों को जबरन छुड़ाया Chaiti Chhath Puja 2025: सीएम नीतीश ने प्रदेशवासियों को चैती छठ की दी बधाई, नहाय-खाय के साथ कल से महापर्व की होगी शुरुआत Bihar News: बखोरापुर में भोजपुरी कलाकारों ने बांधा समां, हिंदू नववर्ष के मौके पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन

Online Game: बिहार में ऑनलाइन गेम्स की लत से बढ़ रही बच्चों की मानसिक समस्याएं, हिंसक खेलों का असर चिंताजनक

Online Game: बिहार में ऑनलाइन गेम्स की लत बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। 85% ऑनलाइन गेम्स हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे बच्चों में आक्रामक प्रवृत्ति, गुस्सा और सामाजिक दूरी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।

ऑनलाइन गेम्स, बच्चों की लत, मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक स्वास्थ्य, हिंसक गेम्स, आक्रामक प्रवृत्ति, गुस्सा, तनाव, सामाजिक अलगाव, अनिद्रा, मल्टीप्लेयर गेम्स, हथियारों का आकर्षण, गेमिंग इंडस्ट्री, पेरेंटल

29-Mar-2025 04:51 PM

Online Game: बिहार में ऑनलाइन गेम्स की बढ़ती लत बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। मौजूदा समय में 85% ऑनलाइन गेम हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे बच्चों की मानसिकता और व्यवहार में बदलाव देखने को मिल रहा है।

गेम इंडस्ट्री का बढ़ता प्रभाव और हिंसा की बढ़ती प्रवृत्ति

पिछले कुछ वर्षों में गेम इंडस्ट्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। ऑनलाइन गेम खेलने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। इन खेलों में हिंसा आधारित गेम्स की लोकप्रियता अधिक है, जिससे बच्चों में आक्रामक प्रवृत्ति बढ़ रही है। शोध के अनुसार, सामान्य गेम खेलने वाले बच्चों की तुलना में हिंसक गेम्स खेलने वाले बच्चों में झगड़ने की प्रवृत्ति दोगुनी होती है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी इस समस्या को गंभीर बताया था।

ऑनलाइन गेम्स में हिंसा का बढ़ता प्रभाव

ऑफलाइन गेम्स की तुलना में ऑनलाइन मल्टीप्लेयर गेम्स में हिंसा का स्तर अधिक पाया जाता है। इन खेलों में खिलाड़ी को अपनी जगह बनाने, दुश्मनों को हराने, युद्ध जीतने और तबाही मचाने जैसे टास्क दिए जाते हैं, जो सीमित समय में पूरे करने होते हैं। ऐसे में बच्चे गेम्स में अत्यधिक व्यस्त हो जाते हैं और अपने विरोधियों को हराने में आत्मसंतोष महसूस करते हैं।

हथियारों के प्रति बढ़ता आकर्षण

हिंसक गेम्स खेलने वाले बच्चों में हथियारों के प्रति विशेष रुचि देखी जाती है। इन गेम्स में आधुनिक बंदूकों, लड़ाकू विमानों और टैंकों की जानकारी दी जाती है, जिससे बच्चे इनसे प्रभावित होकर अपने साथियों से इनके बारे में चर्चा करने लगते हैं।

हिंसक गेम्स से उत्पन्न होने वाली समस्याएं

अनिद्रा – खेलों में लक्ष्य पूरा न कर पाने वाले बच्चों को अनिद्रा की समस्या होती है। वे देर रात तक गेम खेलने में व्यस्त रहते हैं और यहां तक कि खाने-पीने पर भी ध्यान नहीं देते।

गुस्सा और आक्रामकता – हार-जीत को लेकर बच्चे अधिक चिड़चिड़े हो जाते हैं और छोटी-छोटी बातों पर झगड़ने लगते हैं।

तनाव और सामाजिक दूरी – ऑनलाइन गेम्स की लत के कारण बच्चे सामाजिक रूप से अलग-थलग पड़ने लगते हैं। वे यह मानने लगते हैं कि हर समस्या का समाधान केवल हिंसा है और दोस्तों से दूरी बना लेते हैं।

शोरगुल की आदत – हिंसक गेम्स खेलने वाले बच्चे अधिक शोरगुल और चीखने-चिल्लाने की प्रवृत्ति विकसित कर लेते हैं।

ऑनलाइन गेम्स की बढ़ती लत बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक व्यवहार पर गंभीर प्रभाव डाल रही है। माता-पिता और शिक्षकों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि बच्चों को इस खतरनाक प्रवृत्ति से बचाया जा सके।