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Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि में क्यों नहीं खाना चाहिए लहसुन-प्याज? व्रत के दौरान खान-पान में बरतें ये सावधानी

Chaitra Navratri 2025: मां दुर्गा के भक्तों का प्रिय त्योहार नवरात्रि माना जाता है इस दौरान खान-पान में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए...जानें

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 20 Mar 2025 02:19:37 PM IST

Chaitra Navratri 2025

चैत नवरात्रि 2025 - फ़ोटो google

Chaitra Navratri 2025: मां दुर्गा के भक्तों का प्रिय त्योहार नवरात्रि माना जाता है। नवरात्रि के नौ दिन तीन मूल गुणों तमस, राजस और सत्व के अनुसार अलग-अलग वर्गों में बाँटे जाते हैं। इस कारण मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए भक्त 9 दिन तक पूरे विधि विधान से व्रत और पूजा-अर्चना करते हैं। दरअसल,चैत नवरात्रि 30 मार्च से शुरू हो रहा है। मां दुर्गा की पूजा में नियमों का पालन करना जरुरी होता है, वरना लोगों का ऐसा मानना है कि तो पूजा व्यर्थ चली जाती है।


नवरात्रि के दौरान व्रत रखने वाले लोग सिर्फ फलाहार या व्रत के दौरान खाए जाने वाले अनाज का ही सेवन करते हैं लेकिन जो लोग व्रत नहीं रखते वे भी नवरात्रि के दिनों में मांस, मदिरा और प्याज-लहसुन आदि से दूर रहते हैं, क्योंकि ये सभी अशुद्ध खाद्य पदार्थ है, तो आज हम आपको बताएंगे कि नवरात्रि में क्यों नहीं खाते है लहसुन-प्याज... 


नवरात्रि में क्यों नहीं खाते लहसुन प्याज ?

ऐसी मान्यता है किलहसुन और प्याज तामसिक प्रवृत्ति वाले हैं। तामसिक भोजन जीवन में जड़ता, भ्रम भटकाव, क्रोध, वासना और अहंकार का भाव पैदा करता है। लहसुन प्याज का सेवन किया जाए तो नवरात्रि के 9 दिन व्यक्ति अपनी इंद्रियों पर काबू नहीं कर सकता है और शुद्ध मन से माता की भक्ति भी नहीं कर सकता है। अगर पूजा करते है तो फल प्राप्त नहीं होता है। इस कारण नवरात्रि में लहसुन-प्याज युक्त भोजन करने की मनाही होती है। 


लहसुन-प्याज में राक्षसी गुण

समुद्रमंथन के दौरान जब छल से स्वरभानु ने अमृत ग्रहण कर लिया था तब भगवान विष्णु ने उसका सिर धड़ से अलग कर दिया था। सिर कटते ही उस राक्षस के मुंह से जो रक्त नीचे जमीन में गिरा, वहां प्याज और लहसुन की उत्पत्ति हुई। स्वरभानु का सिर कटते ही वह राहु-केतु बन गया। ऐसी भी मान्यता है कि लहसुन-प्याज खाने से राहु-केतु हावी होते हैं और आध्यात्मिक कार्य में मन नहीं लगता है।


व्रत के दौरान करें ये भोजन

नवरात्रि व्रत के दौरान साबूदाना, कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, समा चवाल खा सकते हैं. केला, अंगूर, संतरा, पपीता, खरबूजा हर तरह के फल व्रत में ग्रहण कर सकते हैं। ध्यान रहे व्रत कर रहे हैं तो सिर्फ एक समय ही इन पदार्थों का सेवन करें।