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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 08 Jan 2025 03:26:30 PM IST
PM मोदी से मदद की गुहार - फ़ोटो GOOGLE
BIHAR के GOPALGANJ जिले के करीब 47 युवकों को म्यांमार में बंधक बनाकर उनसे जबरन साइबर फ्रॉड कराया जा रहा है। विरोध करने पर उन्हें यातनाएँ दी जा रही हैं। हथुआ के फतेहपुर निवासी 23 वर्षीय वाहिद रौशन और सहुद अली पिछले तीन महीनों से म्यांमार में बंधक बने हुए हैं।
वाहिद रौशन के परिजनों के अनुसार, उन्हें 26 अक्टूबर 2024 को काम के सिलसिले में थाईलैंड भेजा गया था, जहाँ से उन्हें 700 डॉलर में एक चीनी व्यक्ति द्वारा म्यांमार में बेच दिया गया। वहाँ चीनी लोगों द्वारा उन्हें बंधक बनाकर साइबर अपराध करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। वाहिद के चचेरे भाई सऊद अली को भी म्यांमार में बंधक बनाकर साइबर अपराध करने का दबाव बनाया जा रहा है और ऐसा न करने पर उनके साथ मारपीट की जाती है।
वाहिद रौशन के पिता, रोशन अली, ने बताया कि उनके बेटे और भतीजे को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के एजेंट सुरजीत कुमार यादव द्वारा दिल्ली से थाईलैंड के एक मॉल में काम करने के लिए टूरिस्ट वीजा पर भेजा गया था। थाईलैंड के एयरपोर्ट पर उतरते ही एजेंट ने उन्हें रिसीव किया और नदी के रास्ते मोटरबोट से म्यांमार पहुँचा दिया, जहाँ पहले से ही पाकिस्तान, चीन और नेपाल के युवा साइबर फ्रॉड में लिप्त थे। एजेंट ने इन युवकों को चीन और पाकिस्तान के साइबर अपराधियों के हाथों बेच दिया है।
रोशन अली ने अपने बेटे और भतीजे की वतन वापसी के लिए गोपालगंज जिला प्रशासन से लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक से गुहार लगाई है। उन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को ई-मेल और स्पीड पोस्ट के माध्यम से भी मदद की गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। वाहिद और सऊद के परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। अब देखना यह है कि केंद्र सरकार कब इन युवाओं की वतन वापसी कराती है।