Bihar police news: पहले थाने में महिला की नहीं सुनी गई बात, फिर दर्ज की गई गलत लोगों पर FIR! अब थानेदार पर जुर्माने की सिफारिश Panchayat Sachiv: जानता है विनोद, बिहार में कैसे बनते हैं पंचायत सचिव? यहाँ देखो सैलरी, योग्यता और चयन प्रक्रिया की पूरी जानकारी Neeraj Kumar letter to lalu yadav: जदयू प्रवक्ता नीरज ने लिखा लालू यादव को 'गुनाहनामा', राजद शासन में दलितों के साथ हुए अन्याय गिनाए Road Accident: मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी हाईवे पर मौत का तांडव, 3 की मौत, कई घायल Mahagathbandhan CM face: क्या तेजस्वी बनेंगे महागठबंधन के सीएम कैंडिडेट? आज की मीटिंग पर टिकी निगाहें! Bihar News: एक ऐसा जिला जहां पेड़-पौधों पर रखे गए हैं 20 से अधिक गाँव के नाम, लिस्ट देख आप भी कहेंगे "वाह, ये हुई न बात" NEET UG 2025: NEET Exam में गलती पड़ सकती है भारी, जानिए क्या न करें Best Course: 12वीं के बाद करें ये बेस्ट कोर्स, मोटी सैलरी के साथ-साथ मिलेगा विदेश घूमने का भी मौका Expressway In Bihar: बिहार का यह 'हाईवे' 3700 cr से बन रहा, पटना समेत इन इलाकों का होगा विकास...चमक जायेगी किस्मत Khelo India Youth Games 2025:बिहार में खेल इतिहास का सुनहरा पल...8500 खिलाड़ी दिखाएंगे दम!
04-Jan-2024 08:10 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार में बीते साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा बढ़ाने का फैसला लिया था। इस विधेयक को बीते साल के नवंबर माह में विधानसभा और विधान परिषद दोनों से मंजूरी मिल गई थी। इसके बाद राज्यपाल के हस्ताक्षर से अधिसूचना जारी कर इसे लागू किया गया। परंतु अब इसके विरोध में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है। इसके बाद अब आरक्षण के विरुद्ध याचिका पर सुनवाई होगी।
दरअसल, राज्य सरकार की ओर से सरकारी नौकरियों में 65 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के विरुद्ध दायर याचिका पर पटना हाई कोर्ट में 12 जनवरी को सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ इस मामले पर सुनवाई करेगी। याचिका में राज्य सरकार द्वारा 21 नवंबर, 2023 को पारित कानून को चुनौती दी गई है। उस कानून के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा व अत्यंत पिछड़ा वर्ग को 65 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।
वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी मात्र 35 प्रतिशत पदों पर सरकारी सेवा में जा सकते है, जिसमें ईडब्ल्यूएस के लिए निर्धारित दस प्रतिशत आरक्षण भी सम्मिलित है। यह संविधान की धारा-14 और धारा 15(6)(b) के विरुद्ध है।
उधर, जाति आधारित गणना के बाद जातियों के अनुपात के आधार पर आरक्षण का यह निर्णय लिया गया है न कि सरकारी नौकरियों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व के आधार पर। उन्होंने बताया कि इंदिरा साहनी एवं अन्य बनाम केंद्र सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की सीमा पर 50 प्रतिशत का प्रतिबंध लगाया था।