ARWAL: ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत, संचालक मौके से फरार, इलाज में लापरवाही के कारण गई जान शिवहर में 4 दिन से लापता 14 वर्षीय किशोर का मिला शव, इलाके में सनसनी VAISHALI: एनएच-22 पर दर्दनाक सड़क हादसा: दो बाइकों की टक्कर में युवक की मौत, बहन समेत दो घायल मंगल पांडेय से प्रशांत किशोर ने मांगा इस्तीफा, कहा..थोड़ी भी शर्म और लज्जा बची है तो स्वास्थ्य मंत्री पद की कुर्सी छोड़ें BHOJPUR: धर्म-संस्कृति और समाज सेवा के संगम बने अजय सिंह, सामाजिक चेतना को दे रहे नई दिशा DARBHANGA: शहीद सूरज नारायण सिंह की स्मृति सभा कल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होंगे शामिल, आनंद मोहन ने की भारत रत्न की मांग मुंगेर में 25 लाख की भीषण चोरी: रिटायर्ड रेलकर्मी के बंद घर को बनाया निशाना, इलाज के लिए दिल्ली गया हुआ था दंपति जब तक 5000 करोड़ से PMCH का निर्माण चलता रहेगा तब तक पद पर बने रहेंगे अधीक्षक IS ठाकुर, तेजस्वी ने सरकार पर बोला हमला BIHAR: जमुई में होमगार्ड भर्ती पर धांधली का आरोप, अभ्यर्थियों ने डीएम से की निष्पक्ष जांच की मांग Bihar News: निगरानी कोर्ट ने भ्रष्ट दारोगा को सुनाई सजा, रिश्वत लेते हुआ था गिरफ्तार
31-Mar-2025 03:19 PM
By First Bihar
April Fool’s Day: हर साल की तरह इस साल भी 1 अप्रैल को पूरी दुनिया में 'अप्रैल फूल डे' मनाया जा रहा है। यह एक ऐसा दिन है, जब लोग अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ मजाक करते हैं और एक-दूसरे को चुटकुले सुनाकर हंसी का माहौल बनाते हैं। इस दिन, जब कोई किसी को प्रैंक या मजाक करके बेवकूफ बना लेता है, तो वह 'अप्रैल फूल' बोलता है।
हर कोई इस दिन को अपने तरीके से मनाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस दिन की शुरुआत कैसे हुई और इसे मनाने का क्या कारण है? अगर नहीं, तो हम आपको इसके दिलचस्प इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं।
अप्रैल फूल डे की शुरुआत:
अप्रैल फूल डे के पीछे कई रोचक कहानियां हैं। इस दिन की शुरुआत 1381 में इंग्लैंड से हुई थी, जब चॉसर के प्रसिद्ध साहित्यिक रचनाकार, 'कैंटरबरी टेल्स' की कहानी "नन्स प्रीस्ट्स टेल" में इसका जिक्र मिलता है। उस समय इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी एनी के बीच सगाई की घोषणा की गई थी। राजा ने अपनी जनता से यह कहा कि उनकी सगाई की तारीख 32 मार्च है। लेकिन वहां के लोग यह नहीं समझ पाए और उन्होंने इसे सच मान लिया।
शहर में सगाई की खुशियों का माहौल बन गया, बाजार सजने लगे, लोग उत्सव की तैयारियों में जुट गए। फिर अचानक, उन्हें यह अहसास हुआ कि 32 मार्च तो कैलेंडर में कोई तारीख ही नहीं होती। इस प्रकार, लोगों को एहसास हुआ कि उन्हें बेवकूफ बना दिया गया था। इसके बाद से अप्रैल फूल डे की परंपरा शुरू हुई, और यह पूरे ब्रिटेन में फैल गया। स्कॉटलैंड में यह दिन दो दिनों तक मनाया जाता है, जहां शरारत करने वालों को 'गौक्स' (कोयल पक्षी) कहा जाता है।
अप्रैल फूल डे को मनाने का तरीका:
इस दिन लोग एक-दूसरे के साथ मजाक करते हैं। कई लोग तो ऐसे मजेदार प्रैंक करते हैं कि सामने वाला हक्का-बक्का रह जाता है। कुछ लोग फर्जी खबरें फैलाकर, तो कुछ मजेदार झांसा देकर दूसरों को चौंका देते हैं। यह दिन खुशियों और हंसी का प्रतीक बनकर हर किसी को आनंद और हल्की-फुल्की शरारत का अनुभव कराता है।
अप्रैल फूल डे का महत्व:
अप्रैल फूल डे सिर्फ चुटकुले सुनाने और दोस्तों के साथ मजाक करने का दिन नहीं है, बल्कि यह खुशी फैलाने और मुस्कान बांटने का एक तरीका भी है। इस दिन हंसी-मजाक से भरा माहौल बनता है, जिससे हर कोई दिल से हंसता है और अपनी चिंता और तनाव से कुछ समय के लिए राहत महसूस करता है। इस दिन के जरिए लोग अपनी रचनात्मकता और शरारती स्वभाव को भी उजागर करते हैं, जिससे एक सकारात्मक और मजेदार वातावरण बनता है।
अप्रैल फूल डे के लिए कुछ मजेदार चुटकुले:
टीचर: तुम स्कूल क्यों नहीं आए थे कल? स्टूडेंट: मैं सोच रहा था कि अगर कल स्कूल जाता, तो सब मुझसे अप्रैल फूल बना लेते!
पत्नी: तुम हमेशा मुझे गुस्से में क्यों रखते हो? पति: क्योंकि अगर मैं तुमसे प्रेम से बात करता, तो तुम मुझसे और ज्यादा प्यार करतीं, और फिर मुझे अप्रैल फूल बनाना मुश्किल हो जाता!
दोस्त: तुम्हारी नई कार कितनी महंगी है? मैं: 10 लाख की है। दोस्त: तो फिर इसे क्यों बेचा? मैं: क्योंकि इसे बेचने के बाद मुझे सिर्फ 1 लाख की शर्त चाहिए थी – वह शर्त थी: अप्रैल फूल!
अप्रैल फूल डे हर साल एक दिन के लिए ही सही, लेकिन यह हमें याद दिलाता है कि जीवन में थोड़ी शरारत और हंसी-मजाक जरूरी है। तो इस दिन को पूरी तरह से मजे के साथ मनाएं और अपने दोस्तों के चेहरे पर हंसी लाएं!