1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 04 Oct 2025 09:22:37 AM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अब सिर्फ तारीखों के ऐलान पर आकर टिक गया है। पूरे राज्य में राजनीतिक सरगर्मी अपने चरम पर है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही अपनी-अपनी रणनीति के तहत मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। एक तरफ वर्तमान सरकार लगातार विकास योजनाओं और सौगातों की बरसात कर रही है, तो दूसरी ओर विपक्ष चुनावी वादों और घोषणाओं की बौछार कर जनता को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहा है। अब चुनाव की तैयारियों की अंतिम समीक्षा करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की टीम शुक्रवार रात पटना पहुंची।
बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधु और डॉ. विवेक जोशी रात 10 बजे पटना पहुंचे। आयोग की यह यात्रा दो दिनों तक चलेगी, जिसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान का रास्ता साफ हो जाएगा। शनिवार को सबसे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ने सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। यह बैठक पटना के होटल ताज में आयोजित की गई है, जिसमें भाजपा, जदयू, राजद, कांग्रेस, लोजपा-आर, रालोजपा, माले, सीपीएम, सहित अन्य दलों के नेताओं को बुलाया गया हैं। हर पार्टी से अधिकतम तीन प्रतिनिधियों को शामिल होने की अनुमति दी गई है।
बैठक में आयोग ने सभी दलों से चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर सुझाव मांगी जाएगी। कई दलों ने मतदाता सूची में गड़बड़ी, चुनावी आचार संहिता के पालन, मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाने और ईवीएम की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। राजनीतिक दलों से मुलाकात के बाद आयोग की टीम ने प्रमंडलीय आयुक्तों, सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ अहम बैठक कर सकते हैं। इस बैठक में चुनावी तैयारियों का बारीकी से जायजा लिया जाएगा।
बताया जा रहा है कि आयोग ने मतदान केंद्रों पर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने और महिलाओं और दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा पर विशेष जोर दे रही है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए निर्देष जारी किया जाएगा। वहीं, इस बार आयोग सुरक्षा और पारदर्शिता पर विशेष फोकस कर रहा है ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या हिंसा की संभावना को रोका जा सके।
रविवार को आयोग की बैठक विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों के नोडल अधिकारियों के साथ होगी। इसमें आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय (ED), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, एक्साइज विभाग और सीमा शुल्क विभाग शामिल होंगे। इन एजेंसियों की जिम्मेदारी होगी कि चुनाव के दौरान पैसे, शराब, ड्रग्स या अन्य अवैध सामानों का इस्तेमाल मतदाताओं को प्रभावित करने में न हो।
इसके अलावा आयोग की टीम बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO), राज्य पुलिस नोडल अधिकारी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के प्रतिनिधियों के साथ भी अहम बैठक करेगी। आयोग की अंतिम बैठक बिहार के मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ होगी। इस बैठक का मकसद चुनाव संबंधी तैयारियों और समन्वय की समीक्षा करना है। विशेष रूप से कानून-व्यवस्था, मतदान कर्मियों की तैनाती, मतगणना केंद्रों की सुरक्षा और लॉजिस्टिक मैनेजमेंट पर चर्चा होगी।
इन सभी बैठकों के बाद आयोग रविवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अब तक की तैयारियों की जानकारी मीडिया से साझा करेगा। इसके तुरंत बाद या फिर दिल्ली लौटने के कुछ ही दिनों बाद बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीख़ों का ऐलान कभी भी किया जा सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार में इस बार चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 के बीच कराए जा सकते हैं। चूंकि राज्य में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं, इसलिए संभावना है कि मतदान कई चरणों में होगा। पिछली बार भी बिहार में विधानसभा चुनाव पाँच चरणों में कराए गए थे।
बिहार की जनता अब बेसब्री से चुनाव तारीखों का इंतजार कर रही है। गांव से लेकर शहर तक और सोशल मीडिया से लेकर सियासी मंचों तक एक ही चर्चा है कि आखिर चुनाव कब होंगे। हर पार्टी के कार्यकर्ता चाहते हैं कि तारीख़ जल्द से जल्द घोषित हो ताकि प्रचार अभियान को धार दी जा सके। सरकार लगातार नई योजनाओं की घोषणा करके जनता को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रही है। वहीं विपक्ष बेरोजगारी, महंगाई, कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठा रहा है।
बिहार का यह चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है क्योंकि सत्ता पक्ष अपनी उपलब्धियों के दम पर चुनाव जीतने का दावा कर रहा है, जबकि विपक्ष परिवर्तन का नारा बुलंद कर रहा है। राजनीतिक माहौल को देखकर ऐसा लग रहा है कि जैसे ही चुनाव की तारीख़ों का ऐलान होगा, बिहार की सियासत में गरमाहट और बढ़ जाएगी।