बिहार : तीन संतान वाले पार्षदों को अयोग्य ठहराने का आदेश रद्द, पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

बिहार : तीन संतान वाले पार्षदों को अयोग्य ठहराने का आदेश रद्द, पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

PATNA : बिहार में तीन या तीन से ज्यादा संतान होने के कारण पार्षदों को अयोग्य करार दिए जाने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। पटना हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग के उस आदेश को निरस्त कर दिया है जिसमें तीन या तीन से अधिक संतान होने के कारण नौबतपुर नगर पंचायत के तीन पार्षदों को अयोग्य करार दिया गया था। इतना ही नहीं हाईकोर्ट में राज्य निर्वाचन आयोग को 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। 


हाईकोर्ट ने सोमवार को नगर पंचायत नौबतपुर के तीन पार्षदों की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई की। इसके बाद न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने आयोग के आदेश को निरस्त किया। साथ ही आयोग के आदेश को कानून की गलत व्याख्या बताया है। आपको बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग ने वार्ड 14 नौबतपुर नगर पंचायत अध्यक्ष सरयुग मोची, वार्ड 2 के पार्षद विजय पासवान और वार्ड-6 की वार्ड पार्षद पूनम देवी को तीन संतान रहने पर अयोग्य करार दिया था। पार्षदों का कहना था कि कानून लागू होने के पूर्व से ही उन्हें तीन बच्चे थे। उनकी ओर से विद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र सहित कई दस्तावेज पेश कर बताया गया कि कानून लागू होने के पहले वे तीन बच्चे के माता-पिता थे।


राज्य निर्वाचन आयोग ने पार्षदों की तरफ से पेश सभी दस्तावेज को मानने से इनकार करते हुए उन्हें अयोग्य करार दे दिया। कोर्ट ने पार्षदों की ओर से पेश दलील और दस्तावेज को सही करार देते हुए आयोग के आदेश को निरस्त कर दिया। नियम के मुताबिक 2008 के बाद तीन या तीन से अधिक संतान वाले व्यक्ति नगर और ग्राम पंचायत का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।