1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Mon, 29 Dec 2025 04:36:40 PM IST
प्रतिकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar Crime News: पश्चिमी चंपारण जिले के चनपटिया थाना क्षेत्र अंतर्गत महनाकुली बढ़ईटोला स्थित श्मशान घाट पर शव जलाने को लेकर सोमवार सुबह दो पक्षों के बीच विवाद हो गया। विवाद उस समय शुरू हुआ जब एक पक्ष के लोग शव दाह संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचे, जबकि दूसरे पक्ष के लोगों ने वहां शव जलाने से रोक दिया।
शव जलाने को लेकर पहले कहासुनी हुई, जो देखते ही देखते बढ़ते हुए मारपीट की स्थिति तक पहुंच गई। एक पक्ष शव जलाने पर अड़ा रहा, वहीं दूसरा पक्ष श्मशान घाट पर शव जलाने की अनुमति देने से इनकार करता रहा। सूचना मिलते ही चनपटिया के प्रभारी थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उनके साथ एसआई शशिकांत दुबे, वीरेंद्र कुमार, रंजीत सिंह तथा डायल 112 की टीम भी मौजूद थी। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन स्थिति सामान्य नहीं हो सकी।
कुछ देर बाद चनपटिया विधायक अभिषेक रंजन भी घटनास्थल पर पहुंचे और दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की। हालात की गंभीरता को देखते हुए सदर एसडीपीओ विवेक दीप और अंचलाधिकारी कमलकांत सिंह भी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझा-बुझाकर स्थिति को नियंत्रित किया। करीब दो घंटे बाद पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में शव दाह संस्कार की प्रक्रिया शुरू हो सकी।
इसके बाद सदर एसडीएम विकास कुमार भी घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली। बताया गया कि नुनियाटोला निवासी बाड़ू महतो की 80 वर्षीय पत्नी कलावती देवी की रविवार रात मृत्यु हो गई थी। सोमवार सुबह परिजन शव लेकर बढ़ईटोला स्थित श्मशान घाट पहुंचे थे, जहां कुछ स्थानीय लोगों ने विरोध किया।
विरोध करने वालों का कहना था कि श्मशान घाट के आसपास उनके घर हैं और शव जलाने से निकलने वाला धुआं उनके घरों तक पहुंचता है, जिससे उन्हें परेशानी होती है। वहीं, दूसरे पक्ष का कहना था कि वर्षों से इसी स्थान पर शव जलाया जाता रहा है और सरकार द्वारा श्मशान घाट की बाउंड्री भी कराई गई है।
मौके पर पहुंचे एसडीएम विकास कुमार ने प्रभारी थानाध्यक्ष को शव जलाने से रोकने वाले चिन्हित लोगों के खिलाफ धारा 107 के तहत दंडात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कानून को हाथ में लेने की अनुमति किसी को नहीं है। यदि किसी को आपत्ति है, तो वह पुलिस प्रशासन से शिकायत करे, जांच कर उचित समाधान निकाला जाएगा।