SIWAN : सिवान के बहुचर्चित राजदेव रंजन हत्याकांड में पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का नाम आया था. पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने आरोप लगाया था कि उनकी पति की हत्या के पीछे मोहम्मद शहाबुद्दीन का हाथ है. अब वही आशा रंजन चुनाव मैदान में उतर गई हैं. आशा रंजन प्रकाश आंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन आघाडी के सिंबल पर चुनाव मैदान में उतरी हैं.
अपने चुनाव लड़ने के फैसले को लेकर आशा रंजन ने बताया कि इसके पीछे का उनका मकसद सीवान को अपराध से मुक्त बनाना है. मैं एक शिक्षक हूं और अबतक अपने परिवार और बच्चों के लिए जी रही थी, लेकिन अव सीवान के लोगों के लिए लडूंगी. सीवान को पूरी तरह से अपराध मुक्त बनाना मेरा मकसद है. इस दौरान आशा रंजन ने कहा कि अभी तक उनके पति को इंसाफ नहीं मिल सका है.
बता दें कि पत्रकार राजदेव रंजन की सीवान स्टेशन रोड पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद मृतक की पत्नी ने इस मामले में सीवान के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को भी आरोपी बनाया था. अभी इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है. राजदेव की पत्नी आशा देवी ने कोर्ट में बताया था कि मंत्री अब्दुल गफ्फार सीवान जेल में मो. शहाबुद्दीन से मिलने गए थे. इसकी खबर और तस्वीर अखबार में छप गई थी और इसे लेकर ही उनके पति को धमकी दी गई थी. जिसके बाद शहाबुद्दीन के इशारे पर राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
वहीं सीवान के चुनावी मैदान में राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन के खड़े होने के बाद सियासत दिलचस्प हो गई है. अब इस सीट पर कई लोगों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा. इस सीट पर बीजेपी ने सीवान के ही पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव को टिकट दिया है. तो इसे लेकर बीजेपी विधायक व्यासदेव प्रसाद नाराज हैं और उन्होंने निर्दलीय नामांकन कर दिया है. वहीं, महागठबंधन की तरफ से इस सीट पर राजद के अवध बिहारी चौधरी हैं और वे लगातार 5 बार विधायक रह चुके हैं.