आइएगा-जाइएगा तो कुछ नहीं मिलेगा, नीतीश के मंत्री की कुशवाहा को नसीहत.. जहां जा रहे हैं वहां मांगे हिस्सेदारी

आइएगा-जाइएगा तो कुछ नहीं मिलेगा, नीतीश के मंत्री की कुशवाहा को नसीहत.. जहां जा रहे हैं वहां मांगे हिस्सेदारी

NALANDA: बिहार की सियासत में पिछले कुछ दिनों से जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को लेकर घमासान मचा हुआ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ साथ उनके करीबी मंत्री भी कुशवाहा पर लगातार हमला बोल रहे हैं। कुशवाहा ने नीतीश से जेडीयू में हिस्सा क्या मांगा, वे अपनी ही पार्टी में बेगाने हो गए। नीतीश के करीबी मंत्री अशोक चौधरी के बाद अब मंत्री श्रवण कुमार ने भी उपेंद्र कुशवाहा को बड़ी नसीहत दे दी है। श्रवण कुमार ने कहा है कि कुशवाहा किसी भी पार्टी में इस तरह से आते जाते रहेंगे तो उन्हें कहीं कुछ नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि जेडीयू में कुशवाहा को कोई हिस्सेदारी नहीं मिलने जा रही है, वे जहां जा रहे हैं वहीं जाकर हिस्सा मांगे।


दरअसल, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार शनिवार को राजगीर में आयोजित वन भोज कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इसी दौरान मंत्री ने जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को बड़ी नसीहत दे दी। श्रवण कुमार ने कहा कि जेडीयू में रहेंगे तो मंत्री और विधायक बनेंगे लेकिन जब टिकेंगे ही नहीं और सिर्फ आएंगे-जाएंगे तो कहां कुशवाहा को कहां कुछ मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा किसी दल में चले जाएं, अगर स्थिर से नहीं रहेंगे तो उन्हें कहीं कुछ नहीं मिलेगा। जेडीय में बहुत लोग आते-जाते रहते हैं। इसकी चिंता न तो जेडीयू के नेता करते हैं और ना ही कार्यकर्ताओं को ही इसकी चिंता होती है। 


उन्होंने कहा कि जेडीयू के कार्यकर्ता पूरी ईमानदारी से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ हैं। नीतीश कुमार के 17 साल के शासनकाल के बीज बहुत उतार-चढ़ाव हुए हैं लेकिन इसका असर जेडीयू पर नहीं पड़ा है। बहुत लोग आते हैं और चले जाते हैं उसकी चिंता न तो मुख्यमंत्री करते हैं और ना ही पार्टी के दूसरे नेता। इसलिए कुशवाहा जहां जा रहे हैं वहां हिस्सा ले लेंगे, यहां उन्हें कहां कुछ मिलने जा रहा है। पार्टी छोड़ने वाले को कहां कोई हिस्सा मिलता है। उपेंद्र कुशवाहा हिस्सा मांगते रहें लेकिन उन्हें कोई हिस्सा नहीं मिलने वाला है। बता दें कि नीतीश के करीबी मंत्री अशोक चौधरी ने कुशवाहा पर हमला बोलते हुए कहा था कि किराएदार को हिस्सेदारी नहीं मिलती है।