Patna News: PMCH में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म, 48 घंटे बाद काम पर वापस लौटे; मरीजों ने ली राहत की सांस Patna News: PMCH में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म, 48 घंटे बाद काम पर वापस लौटे; मरीजों ने ली राहत की सांस बिहार में अपराधी बेलगाम: दंपति को धक्का देकर बाइक सवार बदमाशों ने लूटा पैसों से भरा थैला Bihar Crime News: बिहार में दिल दहला देने वाली वारदात, नाबालिग प्रेमी जोड़े ने की खुदकुशी, लड़की के घर मिली दोनों की लाश Bihar Crime News: बिहार में दिल दहला देने वाली वारदात, नाबालिग प्रेमी जोड़े ने की खुदकुशी, लड़की के घर मिली दोनों की लाश BIHAR: प्रत्येक गुरुवार को 'उद्योग वार्ता' का होगा आयोजन, मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत सुनेंगे निवेशकों की समस्या मुजफ्फरपुर में बच्चा चोर गिरोह का खुलासा: 6 आरोपी गिरफ्तार, बच्चे को किया गया बरामद Bihar News: बिहार की जेलों में और टाइट होगी सुरक्षा, 155 करोड़ की लागत 9 हजार से अधिक CCTV लगेंगे Bihar News: बिहार की जेलों में और टाइट होगी सुरक्षा, 155 करोड़ की लागत 9 हजार से अधिक CCTV लगेंगे Bihar News: परिवहन विभाग के कार्यों की हुई विस्तृत समीक्षा, सचिव ने जारी किए जरूरी निर्देश
1st Bihar Published by: Updated Tue, 04 Aug 2020 03:28:58 PM IST
- फ़ोटो
DESK : 'कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, तबीयत से बस एक पत्थर तो उछालो यारो'. जी हां इसी को सत्य कर दिखाया है बिहार के बेटे प्रदीप सिंह ने. बिहार के बेटे प्रदीप सिंह ने सिविल सर्विसेज-2019 की परीक्षा में 26 वां स्थान हासिल किया है.

प्रदीप सिंह मूल रूप से बिहार के गोपालगंज के रहने वाले हैं. प्रदीप ने 2018 के सिविल सर्विसेज एग्जाम में भी सफलता पाई थी और उन्होंने 93 वां स्थान हासिल किया था. सिर्फ साढ़े 21 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाले प्रदीप देश में सबसे कम उम्र के आईएएस की सूची में शामिल हैं.
पिछले साल दिए गए इंटरव्यू में प्रदीप ने बताया था कि गोपालगंज में हमारे पास थोड़ी सी जमीन थी. उससे पर्याप्त कमाई नहीं हो सकती थी, इसलिए यह फैसला लिया गया कि घर की महिलाएं खेतों की देखरेख करेंगे और पुरुष बेहतर काम के लिए इंदौर चले गए. गांव में पढ़ाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण प्रदीप के पिता उन्हें भी अपने साथ इंदौर लेते गए और प्रदीप इंदौर शिफ्ट हो गए. वहां जाकर प्रदीप सिंह के पिता ने एक पेट्रोल पंप पर गाड़ियों में पेट्रोल भरने का काम करना शुरू कर दिया. प्रदीप जब आगे जाकर सिविल सर्विस की तैयारी करने की बात कही तो उनके पिता ने पैसों की कमी आने पर गांव की जमीन बेच दी और बेटे की पढ़ाई कराई. जमीन बेचकर पिता ने प्रदीप को तैयारी करने के लिए दिल्ली भेज दिया. अपने घर की हालत को देखते हुए प्रदीप ने जी तोड़ मेहनत कर पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर ली और 93 वां रैंक लाया.