Minister Takes Charge : 'भैया आपलोग समय क्यों बर्बाद कर रहे ...; पंचायती राज विभाग का दायित्व संभालते ही एक्शन में दिखे मंत्री दीपक प्रकाश, अधिकारियों को दिया यह निर्देश Bihar Police : डीजीपी विनय कुमार का बड़ा बयान,कहा - क्रिमनल और क्राइम से नहीं होगा कोई समझौता; फैमिली संग पहुंचे माता मुंडेश्वरी मंदिर Special Train: यात्रियों के लिए खुशखबरी! रेलवे ने शुरू की 14 जोड़ी नई ट्रेनें, स्टेशनों पर भी खास सुविधा samrat chaudhary : होम संभालते ही एक्शन में आए सम्राट, DGP ने जारी किया फरमान - छोटी वारदातों को हल्के में ना लें Bihar Cabinet: नंबर गेम में JDU पर भारी पड़ी BJP, लेकिन असली ताकत अब भी नीतीश के भरोसेमंदों के पास; जानिए...किस विभाग का कितना है बजट? Bhagalpur youth death : भागलपुर और पटना में दो युवकों की संदिग्ध मौत, प्रेम-प्रसंग और पढ़ाई के दबाव के बीच मिले फंदे से लटके शव Amit Shah Promise : अमित शाह ने पूरा किया अपना वादा, सम्राट और सिन्हा को सच में बनाया बड़ा आदमी; समझिए कैसे तैयार हुआ फार्मूला Deepak Prakash Love Story: नीतीश कैबिनेट के जींस‑शर्ट वाले मंत्री दीपक प्रकाश की कैसे हुई साक्षी मिश्रा से शादी? जानें नए मंत्री जी की पूरी लव स्टोरी IND vs SA: दूसरे टेस्ट से पहले भारतीय टीम में 2 बड़े बदलाव, इन खिलाड़ियों को मिला मौका NDA government Bihar : बिहार में नई सत्ता संरचना: एनडीए सरकार में बीजेपी की पकड़ और नीतीश की सीमित भूमिका की पूरी कहानी
1st Bihar Published by: Updated Tue, 04 Aug 2020 03:28:58 PM IST
- फ़ोटो
DESK : 'कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, तबीयत से बस एक पत्थर तो उछालो यारो'. जी हां इसी को सत्य कर दिखाया है बिहार के बेटे प्रदीप सिंह ने. बिहार के बेटे प्रदीप सिंह ने सिविल सर्विसेज-2019 की परीक्षा में 26 वां स्थान हासिल किया है.

प्रदीप सिंह मूल रूप से बिहार के गोपालगंज के रहने वाले हैं. प्रदीप ने 2018 के सिविल सर्विसेज एग्जाम में भी सफलता पाई थी और उन्होंने 93 वां स्थान हासिल किया था. सिर्फ साढ़े 21 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाले प्रदीप देश में सबसे कम उम्र के आईएएस की सूची में शामिल हैं.
पिछले साल दिए गए इंटरव्यू में प्रदीप ने बताया था कि गोपालगंज में हमारे पास थोड़ी सी जमीन थी. उससे पर्याप्त कमाई नहीं हो सकती थी, इसलिए यह फैसला लिया गया कि घर की महिलाएं खेतों की देखरेख करेंगे और पुरुष बेहतर काम के लिए इंदौर चले गए. गांव में पढ़ाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण प्रदीप के पिता उन्हें भी अपने साथ इंदौर लेते गए और प्रदीप इंदौर शिफ्ट हो गए. वहां जाकर प्रदीप सिंह के पिता ने एक पेट्रोल पंप पर गाड़ियों में पेट्रोल भरने का काम करना शुरू कर दिया. प्रदीप जब आगे जाकर सिविल सर्विस की तैयारी करने की बात कही तो उनके पिता ने पैसों की कमी आने पर गांव की जमीन बेच दी और बेटे की पढ़ाई कराई. जमीन बेचकर पिता ने प्रदीप को तैयारी करने के लिए दिल्ली भेज दिया. अपने घर की हालत को देखते हुए प्रदीप ने जी तोड़ मेहनत कर पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर ली और 93 वां रैंक लाया.