बगहा के रामनगर में भीषण सड़क हादसा: मेडिकल टीम की कार अनियंत्रित होकर पलटी, 5 घायल, एक ANM की हालत गंभीर बिहार चुनाव पर कांग्रेस की समीक्षा बैठक में जमकर ड्रामा: गोली मारने की धमकी, गाली-गलौज, पार्टी ने कहा- वोट चोरी हुई इसलिए हारे इंतजार की घड़ी हुई खत्म: कल बिहार की 10 लाख महिलाओं के खाते में गिरेंगे 10-10 हजार रुपये इंश्योरेंस क्लेम की साजिश का भंडाफोड़: शव की जगह पुतला जलाने पहुंचे दो युवक गिरफ्तार दिल्ली दौरे पर सम्राट: बिहार का गृह मंत्री बनने के बाद अमित शाह और तावड़े से पहली मुलाकात BIHAR: शिक्षा के क्षेत्र में AI को मिलेगी उच्च प्राथमिकता: हर जिले में मॉडल स्कूल-कॉलेज बनाने का निर्देश Bihar Bhumi: पुश्तैनी जमीन की 'रसीद' आपके नाम से नहीं है....तब आप भूमि की बिक्री-रजिस्ट्री कर सकते हैं या नहीं ? नया आदेश क्या कहता है, सब कुछ जानें.... पटना में नाबालिग बच्ची की संदिग्ध मौत पर बवाल, गुस्साए लोगों ने की सम्राट चौधरी को मौके पर बुलाने की मांग PATNA: अंचल कार्यालयों में राजस्व विभाग के हेल्प डेस्क के रूप में काम करेंगे VLE, छठे बैच का आवासीय प्रशिक्षण शुरू BHAGALPUR TRAIN ACCIDENT: सबौर स्टेशन पर ट्रेन में चढ़ते समय महिला की गिरकर मौत, पति घायल
1st Bihar Published by: Updated Tue, 04 Aug 2020 03:28:58 PM IST
- फ़ोटो
DESK : 'कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, तबीयत से बस एक पत्थर तो उछालो यारो'. जी हां इसी को सत्य कर दिखाया है बिहार के बेटे प्रदीप सिंह ने. बिहार के बेटे प्रदीप सिंह ने सिविल सर्विसेज-2019 की परीक्षा में 26 वां स्थान हासिल किया है.

प्रदीप सिंह मूल रूप से बिहार के गोपालगंज के रहने वाले हैं. प्रदीप ने 2018 के सिविल सर्विसेज एग्जाम में भी सफलता पाई थी और उन्होंने 93 वां स्थान हासिल किया था. सिर्फ साढ़े 21 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाले प्रदीप देश में सबसे कम उम्र के आईएएस की सूची में शामिल हैं.
पिछले साल दिए गए इंटरव्यू में प्रदीप ने बताया था कि गोपालगंज में हमारे पास थोड़ी सी जमीन थी. उससे पर्याप्त कमाई नहीं हो सकती थी, इसलिए यह फैसला लिया गया कि घर की महिलाएं खेतों की देखरेख करेंगे और पुरुष बेहतर काम के लिए इंदौर चले गए. गांव में पढ़ाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण प्रदीप के पिता उन्हें भी अपने साथ इंदौर लेते गए और प्रदीप इंदौर शिफ्ट हो गए. वहां जाकर प्रदीप सिंह के पिता ने एक पेट्रोल पंप पर गाड़ियों में पेट्रोल भरने का काम करना शुरू कर दिया. प्रदीप जब आगे जाकर सिविल सर्विस की तैयारी करने की बात कही तो उनके पिता ने पैसों की कमी आने पर गांव की जमीन बेच दी और बेटे की पढ़ाई कराई. जमीन बेचकर पिता ने प्रदीप को तैयारी करने के लिए दिल्ली भेज दिया. अपने घर की हालत को देखते हुए प्रदीप ने जी तोड़ मेहनत कर पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर ली और 93 वां रैंक लाया.