RANCHI : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार (17 मई) को भी कोई राहत नहीं मिली। अब हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर 21 मई को सुनवाई होगी। पूर्व सीएम ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी। इनको मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है।
दरअसल, हेमंत सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह आगामी 2 जून को सरेंडर कर देंगे। इस पर ईडी ने कहा कि सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। चुनाव रिहाई का आधार नहीं हो सकता। वहीं, कोर्ट ने तत्काल राहत से मना करते हुए कहा कि ईडी सोमवार तक लिखित जवाब दाखिल करें। अब इस मामले पर मंगलवार, 21 मई को सुनवाई होगी।
मालूम हो कि शुक्रवार को जब यह मामला उठाया गया तो ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने समय मांग लिया। पीठ ने एएसजी से अंतरिम जमानत की एप्लिकेशन के बारे में पूछा। इसके जवाब में एएसजी ने कहा कि सोरेन को बहुत पहले (31 जनवरी) गिरफ्तार किया गया था और उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। उन्होंने यह भी बताया कि चुनाव के चार चरण पहले ही खत्म हो चुके हैं।
जस्टिस खन्ना ने कहा कि जबतक पीठ प्रथम दृष्टया संतुष्ट नहीं हो जाती, कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता। पीठ ने यह भी बताया कि आज विस्तृत सुनवाई का समय नहीं है। क्योंकि अरविंद केजरीवाल का मामला दोपहर 2.30 बजे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था। जस्टिस खन्ना ने आगे कहा कि "हमें प्रथम दृष्टया संतुष्ट होना होगा कि कोई समस्या है। राजू कहते हैं कि वह तैयार नहीं हैं या तो हम इसे अगले सप्ताह या जब भी आप चाहें रख सकते हैं।
उसके बाद जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने मामले को अगले मंगलवार (21 मई) को सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ के सामने सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। सोरेन ने 31 जनवरी को कथित भूमि घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अपनी याचिका को झारखंड हाईकोर्ट से खारिज किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।