PATNA: बिहार की चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज पर भी लोगों की पैनी नजर है। ऐसा माना जा रहा है कि सत्ताधारी दल और विपक्षी दल के लिए यह सत्ता का सेमीफाइनल है हालांकि चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर के लिए यह उपचुनाव किसी बड़ी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। चार सीटों पर चुनाव के नतीजे बताएंगे कि वह पास होते हैं या उनके दावे हवा-हवाई साबित होते हैं।
दरअसल, देश के राजनीतिक दलों के लिए चुनावी रणनीति तय करने वाले प्रशांत किशोर ने एक साल तक बिहार के पंचायतों और गांवों की खाक छानते रहे। लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी बनाने का एलान किया और उनकी जन सुराज पदयात्रा जन सुराज पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई। प्रशांत किशोर ने इस दौरान बिहार के लोगों को विकास का आईना दिखाया और सत्ताधारी जेडीयू, बीजेपी के साथ साथ विपक्षी दल आरजेडी और कांग्रेस के खिलाफ लोगों को गोलबंद करते रहे।
इसी बीच लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुईं बिहार विधानसभा की चार सीटों पर उपचुनाव की घोषणा हो गई। ऐसे तो जन सुराज पार्टी को 2025 के विधानसभा चुनाव मे मैदान में उतरना था लेकिन फाइनल में खेलने के बजाए सेमीफाइनल में ही पीके मैदान में उतर गए। पक्ष और विपक्ष के बीच पैठ बनाने के लिए प्रशांत किशोर ने बिहार उपचुनाव में चारों सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने रामगढ़, तरारी, बेलागंज और इमामगंज सीट के लिए उम्मीदवार भी उतार दिए।
चार सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बाद प्रशांत किशोर ने उनकी जीत के लिए खूब पसीना बहाया और नीतीश- बीजेपी और लालू- तेजस्वी के खिलाफ लोगों को गोलबंद करने के लिए धुआंधार चुनाव प्रचार किया। चार सीटों पर महागठबंधन में शामिल आरजेडी तीन सीटों पर जबकि एक सीट पर माले चुनाव लड़ रहा है। वहीं एनडीए की बात करें तो दो सीटों पर बीजेपी, एक पर जेडीयू और एक सीट पर जीतनराम मांझी की पार्टी हम चुनाव लड़ रही है। इनके बीच प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज पैठ बनाने की कोशिश में है। ऐसे में यह उपचुनाव प्रशांत किशोर के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है।