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एक तरफ आयुर्वेद को बढ़ावा देने की बात कर रही है सरकार, दूसरी तरफ रद्द हो रही कॉलेज की मान्यता

1st Bihar Published by: Updated Fri, 25 Nov 2022 09:42:36 AM IST

एक तरफ आयुर्वेद को बढ़ावा देने की बात कर रही है सरकार, दूसरी तरफ रद्द हो रही कॉलेज की मान्यता

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PATNA : एक तरफ जहां आयुर्वेद को बढ़ावा देने कि बात कि जा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ राज्य के सभी आयुर्वेद कालेज में पढ़ाई की मान्‍यता ही रद्द कर दी गई है।  इसके बाद यह चर्चा आम हो गई है कि बिहार सरकार का आयुर्वेद के प्रति बेरुखी के कारण आयुर्वेद कि पढ़ाई करने वालों को यह खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। गिनती के लिए बिहार में आयुर्वेद कॉलेज कि संख्या काफी अधिक है, लेकिन हकीकत में इनके क्या हालत क्या है इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं। इसी बीच अब तो इनमें पढ़ाई कि मान्यता भी रद्द कर दी गई है। 


दरअसल, बिहार में 2022-23 सत्र में आयुर्वेद की पढ़ाई की मान्यता रद हो गई है। आयुष मंत्रालय के नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ़  मेडिसिन (एनसीआइएसएम) ने न्यूनतम मानक पूरे नहीं होने के कारण पटना में स्थित देश के सबसे पुराने व प्रतिष्ठित आयुर्वेदिक कालेज के साथ बेगूसराय के भी आयुर्वेदिक कालेज सशर्त मान्यता देने से इन्कार कर दिया है। जिसके बाद इस सत्र से दरभंगा आयुर्वेदिक कालेज में भी बीएएमएस की पढ़ाई शुरू करने की सोच पर भी रोक लग गया। इसको लेकर एनसीआइएसएम का पत्र आयुर्वेदिक कालेजों को मिल गया है।


मालूम हो कि, पिछले दिनों स्नातक व परास्नातक की सीटों की सशर्त मान्यता बरकरार रखने के लिए आवश्यक मानकों के आकलन को एनसीआइएसएम की टीम ने 4 व 5 अगस्त को कदमकुआं स्थित राजकीय आयुर्वेद कालेज का निरीक्षण किया था। इस निरीक्षण के दौरान ही शिक्षकों की कमी का मामला उठा था लेकिन पदाधिकारियों ने इसके निराकरण की कोई पहल नहीं की। जिसके बाद अब मान्यता रद्द कर दी गई है। 


इधर, बात करें मान्यता बचाने को लेकर तो अब स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव के स्तर से अंडरटेकिंग देने पर ही मान्यता बच सकती है। गौरतलब हो कि, पटना के कदमकुआं स्थित आयुर्वेदिक कालेज में यूजी स्तर पर 84.78 प्रतिशत और स्नातकोत्तर 52.57 प्रतिशत शिक्षक उपलब्ध हैं। स्नातक पाठ्यक्रम में सिर्फ क्रिया शरीर व अगद तंत्र में शिक्षकों की कमी है। इस बाबत स्वास्थ्य विभाग के संबंधित पदाधिकारियों का कहना है कि,निरीक्षण के बाद कमियों की प्रतिपूर्ति के बारे में जो पत्र भेजा था, एनसीआइएसएम ने उसका संज्ञान नहीं लेते हुए यह कार्रवाई की है। शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। इस बाबत अपर मुख्य सचिव की अंडरटेकिंग के बाद दोनों कालेजों में पढ़ाई की मान्यता प्रदान कर दी जाएगी।