Bihar News: नीतीश सरकार युवाओं के लिए ला रही बड़ा अवसर, इस यूनिवर्सिटी से डिग्री ली तो नौकरी पक्की Bihar News: नीतीश सरकार युवाओं के लिए ला रही बड़ा अवसर, इस यूनिवर्सिटी से डिग्री ली तो नौकरी पक्की कल विधानसभा में होगा भारी हंगामा, वोटर लिस्ट सुधार को लेकर तेजस्वी के ऐलान से हड़कंप Air India Flight: मुंबई एयरपोर्ट पर बड़ा हादसा टला, बारिश के बीच रनवे से फिसला एयर इंडिया का विमान Air India Flight: मुंबई एयरपोर्ट पर बड़ा हादसा टला, बारिश के बीच रनवे से फिसला एयर इंडिया का विमान Patna News: पटना में स्नान के दौरान बड़ा हादसा, पांच बच्चे गंगा नदी में डूबे; तीन को लोगों ने बचाया Patna News: पटना में स्नान के दौरान बड़ा हादसा, पांच बच्चे गंगा नदी में डूबे; तीन को लोगों ने बचाया Bihar News: बिहार के आवासीय स्कूल से नाबालिग छात्रा लापता, परिजनों ने शिक्षकों पर लगाए गंभीर आरोप Bihar Police: महिला DSP ने ऐसा क्या किया जो पुलिस मुख्यालय ने पकड़ लिया ? IG हेडक्वार्टर की रिपोर्ट शुरू हुआ यह एक्शन Bihar Crime News: बिहार में आरजेडी नेता की पिटाई पर भारी बवाल, मारपीट और गोलीबारी के बीच फूंक दी बाइक; पुलिस टीम पर पथराव
1st Bihar Published by: Updated Tue, 23 Mar 2021 07:16:28 AM IST
- फ़ोटो
NALANDA : नाबालिगों की शादी को देश में गैरकानूनी माना जाता है लेकिन बिहारशरीफ की एक अदालत ने जो ऐतिहासिक फैसला दिया है उसके मुताबिक दो नाबालिगों की शादी को वैध करार दिया गया है। कोर्ट ने 16 साल की लड़की और 14 साल के लड़के की शादी की शादी को वैध माना है। बिहारशरीफ की निचली अदालत ने यह ऐतिहासिक फैसला मानवीय मूल्यों को ध्यान में रख कर दिया है।
बिहारशरीफ स्थिति किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्र ने महज 3 दिनों की सुनवाई में एक ऐसे मामले का निपटारा किया है जो अपने आप में ऐतिहासिक है। जज मानवेंद्र मिश्रा ने नाबालिग किशोर और किशोरी की शादी को वैध करार दे दिया है। कोर्ट ने दोनों नाबालिगों की 8 माह की मासूम बच्ची को ध्यान में रखकर यह फैसला दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में जेल में बंद आरोपित किशोर को रिहा करने का आदेश दिया और 8 माह की मासूम बच्ची को उसके दादा दादी के घर पहुंचने का रास्ता भी साफ कर दिया।
सूबे का यह पहला ऐसा मामला है जिसमें नाबालिगों की शादी को कानूनन वैध करार दिया गया हो। इन दोनों की 8 महीने की बच्ची को उसका हक देने और माता-पिता के प्यार से महरूम नहीं रहने के लिए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। हालांकि फैसला सुनाते हुए जज ने यह भी कहा कि इस फैसले को आधार बनाकर किसी अन्य मामले में इसका लाभ नहीं लिया जा सकता। जज ने जिला बाल संरक्षण इकाई और हिलसा बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी को बच्चे और किशोर दंपति की उचित देखभाल और संरक्षण के संबंध में हर 6 महीने पर रिपोर्ट देने के लिए भी कहा है। मासूम बच्ची के भविष्य को देखते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।