PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों अपनी 14 वीं यात्रा पर निकले हुए हैं। इनकी इस यात्रा को समाधान यात्रा का नाम दिया गया है। इस दौरान वो अपने पहली की गई यात्रा में बचे हुए जिलों में जाएंगे और वहां हो रहे सरकारी कार्यों की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही सीएम बीच- बीच में अपनी इस यात्रा के दौरान जन संवाद समारोह में भी शामिल होंगे। वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री के तरफ से जबसे यह यात्रा शुरू की गई है तबसे विपक्ष के तरफ से लगातार हमला बोला जा रहा है। इसी कड़ी में अब बिहार विधानसभा के नेता विपक्ष ने सीएम के यात्रा पर एक बार फिर से तीखा हमला बोला है।
बिहार विधानसभा के नेता विरोधी दल विजय कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री की यात्रा पर कहा कि, आप खौफ के साए में कौन सी समाधान यात्रा कर रहे हैं।आपको सबसे पहले अपनी नीतियों के कारण बिहार में बढ़ रहे अपराध, भ्रष्टाचार और बुरे कामों की समीक्षा करनी चाहिए। उसके बाद आपको किसुई भी तरह की यात्रा करनी चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने एकबार फिर से छपरा जहरीली शराबकांड में मृतक लोगों के परिवार वालों को मुआवजा देने की मांग को दुहराते हुए कहा कि सबसे पहले आप उनलोगों से जाकर मिलें उसके बाद आप कोई यात्रा करें। बिहार के सीएम को यह समझना चाहिए कि, प्रशासनिक अराजकता के कारण हर जगह त्राहिमाम मचा हुआ है। सबसे पहले इस बात की समीक्षा करें।
उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री जी कहीं जाते हैं तो उनके अफसर वहां 15 दिनों से रेकी करते हैं और वहां लोगों को घंटों रोक कर रखा जाता है। उसके बाद सीएम आराम से जाते हैं और राजा की तरह टहलते और मुस्कुराते हुए बिना किसी से मिले निकल जाते हैं। उन पास कभी भी बिहार की जनता का दर्द आता ही नहीं पाता है तो फिर आप समाधान यात्रा पर क्या कुछ करेंगे।
विजय सिन्हा ने कहा कि, यदि सही मायने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कोई यात्रा करना है तो सबसे पहले बिहार की जनता के बीच जाकर उसके दुख और दर्द को समझें फिर यात्रा पर निकलें। उनको यह मालूम होना चाहिए कि, उनकी यह यात्रा समाधान यात्रा नहीं बल्कि बिहार के विकास की व्यवधान यात्रा है। यह यात्रा उनके राजनीति में यह सबसे बड़ा व्यवधान है।
इसके आगे सिन्हा ने कहा कि, आप देश यात्रा की बात करते हैं तो आप हेलीकॉप्टर और जेट विमान खरीद कर जनता की गाढ़ी कमाई से राजद के युवराज को खुश करना चाहते हैं। हकीकत यह है कि,आप लोग कांग्रेस के भारत जोड़ो यात्रा से बचना चाहते हैं इसलिए इस तरह का काम कर रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री को यह समझ लेना चाहिए कि उनकी यह समाधान यात्रा बहुत जल्द विदाई यात्रा बनने वाली है।