PATNA : बिहार में आरजेडी कोटे के मंत्री चंद्रशेखर के विवादित बयान के बाद अब बिहार में बहुत बड़े सियासी बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। राजद ने जिस तरह से कल चंद्रशेखर का बचाव किया है उससे अब बिहार में सियासी उफान मचा हुआ है। एक तरफ उनके ही गठबंधन में सहयोगी में शामिल जेडीयू के नेता इसको लेकर अब खुलकर बयानबाजी कर रहे रहें हैं, तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा भी इसको लेकर आक्रामक रुख अख्तियार कर रही है। इसी कड़ी में अब भाजपा के तरफ से आज रामायण पाठ किया जा रहा है।
दरअसल, बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर हिन्दू महाकाव्य रामचरित मानस पर सवाल उठाया गया था उसको लेकर पुरे देश में विवाद उत्पन हो गया है। पुरे द्वेष में रामायण को मानने वाले लोग शिक्षा मंत्री से माफ़ी मांगने की बात कह रहे हैं। लेकिन, इसके बाबजूद उनका कहना है कि वो कहीं से भी गलत नहीं है और वो अपने बयानों अडिग रहेंगे। इसके बाद अब इस पुरे प्रकरण को लेकर भाजपा के तरफ से रामायण पाठ का आयोजन करवाया जा रहा है। इसको लेकर भाजपा का कहना है कि, वो राजद नेताओं का शुद्धिकरण कर रहे हैं।
भाजपा नेताओं का कहना कि, राजद के तरफ से समाज में जो नफरत फैलाया जा रहा है, एक सोची- समझी चाल के तहत जातियों को लड़ाने का काम किया जा रहा है। बिहार में अब विनाश की राजनीति शुरू कर दी गई है। राज्य में जल्द ही राजद का विनाश होना तय है। राजद के नेताओं के अंदर असुरों की शक्ति प्रवेश जकर गई है। उसी को निकाल बहार करने के लिए हमलोग रामायण पाठ कर रहे हैं। यह बातें भाजपा के तरफ से पार्टी के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कही है।
आपको बता दें कि, इससे पहले जेडीयू के तरफ से मंत्री अशोक चौधरी ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी। शुक्रवार को अशोक चौधरी ने शिक्षा मंत्री के बयान को बेतुका बताते हुए कहा था कि रामचरितमानस के ऊपर सवाल उठाना कहीं से भी तार्किक नहीं है। राम आदर्श हैं और रामचरितमानस हिंदुओं का एक ऐसा ग्रंथ है जो सनातनी परंपरा को बताता है। रामचरितमानस में जो अच्छी बातें हैं उसको जीवन में उतारने की जरूरत है। पहले अशोक चौधरी की तरफ से दिया गया बयान और अब जेडीयू की तरफ से खुले तौर पर आरजेडी के मंत्री का विरोध पार्टी के एमएलसी के तरफ से महावीर मंदिर जाकर रामायण का पाठ करना राजद के लिए शुभ नहीं बताया जा रहा है।
गौरतलब हो कि, शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर सिंह ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था। उन्होंने ने कहा था कि, इस ग्रंथ में निचली जाति के लोगों को गालियां दी गई हैं। ये गलत है, उनको शिक्षा से वंचित रखने की बात कही गई है। इस तरह की कई बातें उन्होंने बोली थी। जिसके बाद अब देश भर में बवाल मच गया है। कई राज्यों के बीजेपी नेताओं ने उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया दी है।
इधर, शिक्षा मंत्री साफ़ कह चुके हैं कि, वो इस बयान से नहीं पलटेंगे। किसी भी हाल में माफी नहीं मांगेगे। उनकी पार्टी आरजेडी ने भी खुलकर कह दिया है कि किसी भी कीमत पर चंद्रशेखर अपने बयान को वापस नहीं लेंगे। ऐसे में आरजेडी और जेडीयू के बीच रामचरितमानस को लेकर विवाद और बढ़ता है तो बहुत अचरज नहीं होगा।