चाचा-भतीजे की हैसियत क्या है, एक चुनाव नहीं जीत सकते हैं: भडके प्रशांत किशोर ने कहा-2015 में मैंने मदद न की होती तो सरकार नहीं बनती

चाचा-भतीजे की हैसियत क्या है, एक चुनाव नहीं जीत सकते हैं: भडके प्रशांत किशोर ने कहा-2015 में मैंने मदद न की होती तो सरकार नहीं बनती

PATNA : चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बनने निकले प्रशांत किशोर आज नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर जमकर बरस पडे. दरअसल पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछा था कि राजद-जेडीयू के नेता उन्हें भाजपा की बी टीम बता रहे हैं. इसके बाद भडके प्रशांत किशोर ने कहा- जब मैं बंगाल, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में भाजपा के खिलाफ लड़ रहा था तो नीतीश कुमार औऱ तेजस्वी यादव बिहार में बैठ कर रेवड़ी खा रहे थे. अब अपने दो छुटभैये प्रवक्ताओ को टीवी पर बिठाकर मुझे भाजपा की बी टीम बता रहे हैं. 


चचा-भतीजे की हैसियत क्या है

अपनी जनसुराज यात्रा के तहत पूर्वी चंपारण में पदयात्रा कर रहे प्रशांत किशोर ने कहा- बिहार के चचा-भतीजे की सरकार की हैसियत क्या है जो मुझ पर आरोप लगायेंगे. ये एक चुनाव तो जीत नहीं सकते. चचा-भतीजा के मिलने के बाद 3 जगहों पर उपचुनाव हुए उसमें से दो हार गये. एक जगह जीते भी दूसरा कारण था.  वहां बाहुबल का मामला था, चचा-भतीजा का मामला नहीं था. 


2015 में मैंने मदद की तो सरकार बना पाये

प्रशांत किशोर ने कहा-ये लोग चुनाव जीत सकते हैं क्या ? 2015 में हमने मदद नहीं की होती तो महागठबंध चुनाव जीत गया होता क्या ? ये हमको बतायेंगे कि चुनाव कैसे लडना है. कितना ज्ञान है इन लोगो को. कुछ कर नहीं सकते तो निकले हैं ज्ञान देने औऱ लांछन लगाने. 


कौन हैं तेजस्वी यादव, क्या? उपलब्धि है उनकी

प्रशांत किशोर तेजस्वी यादव पर खास तौर पर बरसे. पीके ने कहा- तेजस्वी यादव की उपलब्धि क्या है, क्या किया है उन्होंने. 2015 में तेजस्वी यादव कहीं थे? उन्हें  पहली बार एमएलए के तौर पर चुनाव लड़ाया गया था. उससे पहले कुछ थे क्या? कौन हैं ये लोग, क्या किया है अब तक ? राजनीति की कितनी समझ हैं उन्हें. लालू यादव के बेटे हैं इसलिए राजद के लीडर हैं. आप भी किसी बड़े बाप के बेटे रहियेगा तो उस पार्टी के नेता हो जाइयेगा. तेजस्वी अपनी पार्टी के नेता हो सकते हैं बिहार के नेता नहीं हैं. क्या बिहार की जनता ने उन्हें चुना है ?


प्रशांत किशोर ने कहा कि राजद औऱ तेजस्वी यादव के आरोपों का जवाब वे नहीं देंगे. पीके ने कहा- हम क्यों जवाब दें उऩकी बात का. कौन हैं तेजस्वी यादव. अब तक कौन सा पराक्रम कर दिया है उन्होंने. क्या पढ़ाई में पराक्रम कर दिया, बिहार का खेलकूद में नाम रोशन कर दिया या बिहार में सामाजिक स्तर पर कोई काम किया है. 


क्या बिहार के बाहर तेजस्वी यादव की कोई अपनी पहचान है. बाहर कोई जानता है तेजस्वी यादव को. लोग इतना ही जानते हैं कि लालू यादव के बेटे हैं. प्रशांत किशोर ने कहा- मेरे बाबूजी तो नहीं थे मुख्यमंत्री. लोग मेरा नाम इसलिए न जानते हैं कि सही या गलत कुछ काम मैंने किया है. इसलिए नहीं न जानते हैं कि हमारे बाबूजी मुख्यमंत्री थे. अपनी कोई उपलब्धि है नहीं तो दो प्रवक्ता को टीवी पर बैठा कर किसी के बारे में उल्टा-सीधा बुलवाइये. 


अब काम क्यों नहीं कर रहे तेजस्वी

प्रशांत किशोर ने कहा-तेजस्वी यादव अभी बिहार के स्वास्थ्य मंत्री हैं न तो बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधार कर दिखाइये. ये काम तो आपसे होगा नहीं. आपने घूम घूम कर कहा था कि 10 लाख सरकारी नौकरी देंगे, तो दस लाख नौकरी देकर दिखाइये. आपने कहा था कि पहली कैबेनिट में पहला साइन करेंगे कि 10 लाख लड़कों को सरकारी नौकरी मिल जायेगी. तो क्यों नहीं मिली 10 नौकरी. चार महीने से आप सत्ता में हैं. क्या पत्रकारों ने पूछा तेजस्वी यादव से या राजद के नेताओं से कि तेजस्वी की कलम टूट गयी है या कलम की स्याही सूख गयी है या फिर बिहार में कैबिनेट की कोई बैठक ही नहीं हो रही.


प्रशांत किशोर ने कहा कि पत्रकारों में भी नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से सवाल पूछने की हिम्मत नहीं है. प्रशांत किशोर ने मीडिया से कहा-आप लोग भी जो नेता सामने उपलब्ध है उसे ही रग़ड़ते रहियेगा. जो सवाल जिससे पूछा जाना चाहिये उसे पूछने की हिम्मत आपमें है नहीं. आपको याद है कि नीतीश कुमार ने  पिछली बार कब प्रेस कांफ्रेंस किया था. नीतीश कुमार डर के मारे पत्रकारों के सामने आ रहे हैं. 


प्रशांत किशोर ने कहा कि मुख्यमंत्री के बंगले में बैठ कर नीतीश कुमार कह रहे हैं कि विकास का रिकार्ड बना दिया है. अगर इतना ही काम किया है तो मैं उन्हें लगातार चुनौती दे रहा हूं. नीतीश कुमार बगैर सरकारी सुरक्षा के बिहार के किसी पंचायत में घूम कर दिखा दें. पता चल जायेगा कि बिहार में कितना विकास हुआ है औऱ लोग कितने खुश हैं.