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30-Jun-2022 02:47 PM
BIHAR: बिहार में मानसून की दूसरी बारिश से ही बाढ़ के हालात बन चुके हैं. सूबे में बाढ़ की हालत और चिंताजनक हो गयी है जिसका कारण नेपाल के तराई इलाकों और उत्तर बिहार में हो रही बारिश है. कई नदियों में उफान बढ़ गये है, जिनमें कोसी, महानंदा, गंडक समेत कई नदियां शामिल है.
अगर हम सुपौल की बात करे तो, वहां की नदी कोसी में तबाही देखने को मिल रही. सुपौल में रहने वाले लोग कोसी के बढ़ते जलस्तर के कारण दहशत में हैं. कोसी नदी ने अपने जल में कई दर्जनों घरों को अपने आगोश में ले लिया है जिनमें मरौना के घोघररिया पंचायत के खुखनाहा वार्ड नंबर 12 एवं 14 है. वहीं इस बाढ़ के कारण किशनपुर के दुबियाही विद्यालय सहित कोसी बांध के अंदर अधिकांश विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था बाधित हो गयी है.
अररिया जिले में भी कटाव का हाल उत्पन्न हो गया है. डेहटी घाट पर बना कलवर्ट का आधा हिस्सा नदी में विलीन हो गया है जिस वजह से अररिया के पलासी का जिला मुख्यालय से सम्बन्ध टूट गया है. वही कुछ गांव भी ऐसे है जहाँ बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है जिस वजह से लोगों के बीच स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. अररिया में नेपाल व जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ की संभावना बन गयी है. जिसमें सबसे बुरा हाल सिकटी के पूर्वी भाग का है. वहां लगातार बाढ़ का सिलसिला जारी है जिसका कारण नुना नदी में बढ़ रहे पानी का अस्तर है. इसका असर तटबंधों पर भी पड़ा है, जिसकी मरम्मती का कार्य अभी चल रही है. वहीं पड़ररिया, कौआकोह आदि की स्थिति भी बुरी है जिसका कारण बकरा नदी है. महानंदा एवं डोंक के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है और जिस वजह से तेजी से कटाव हो रहा है. यह नदी किशनगंज प्रखंड के बेलवा एवं हालामाला पंचायत होकर बहने वाली नदी है.
किशनगंज के कोचाधामन में भी तबाही देखने को मिला है. यहाँ के क्षेत्र में बहने वाली महानन्दा सहित सभी नदियां लगातार 36 घंटे से हो रही वर्षा के कारण उफान पर है. इतना ही नही यहां मौजूद सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिस कारण कई प्रखंड में बाढ़ की स्तिथि बन गयी है, जिनमें डेरामारी, पाटकोई, बगलबाड़ी, मचकुड़ी, कैरीबीरपुर, बिशनपुर, हल्दिखोड़ा, सुन्दरबाड़ी, कोचाधामन पंचायत शामिल है.
किशनगंज गांव की कई सड़के पूरी तरह से पानी में डूब गयी है. यहां मौजूद कई गांवो और स्कूलों में बाढ़ का पानी घुस गया है जिस वजह से कई क्षेत्र का संपर्क आपस में कट गया है. वहीं वैसे लोग जो की बाढ से काफी प्रभावित हो गये है वें पालायन कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लिये हुए हैं.
अगर किशनगंज जिले की बात करे तो, यहां हो रही लगातार बारिश के कारण कई सारी नदियां उफान पर है जिनमें महानंदा, कनकई, रतुआ, मैची, डोक, बुढ़ी कनकई जैसी नदियां शामिल है. वहीं ठाकुरगंज, कोचाधामन, दिघलबैंक, टेढ़ागाछ, बहादुरगंज प्रखंड क्षेत्र पानी के तेज बहाव के कारण कटाव शुरु हो गया है.
अररिया, किशनगंज व सुपौल जिले के कई गांवों में बाढ़ का माहौल पैदा हो गया है. बता दे, वैसी नदियां जो की नेपाल से निकलते हुए बहती है, उनका जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. इन जिले के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. बिहार में हो रही बारिश के कारण बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है. वहीं बाढ़ की स्तिथि को देखते हुए कोसी बराज के 24 फाटक खोल दिये गये हैं