PATNA : बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा हिंदू धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस को लेकर की गई टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो गया है। बिहार सरकार के मंत्री के बयान पर अब तीखी प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। इसी कड़ी में अब बिहार विधानसभा के नेता विपक्ष द्वारा जोरदार हमला बोला गया है। विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि, किसी भी राज्य के शिक्षा मंत्री के द्वारा इस तरह की बातें कहना कहीं से भी न्यायसंगत नहीं है।इनको अपने इस बयान के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए।
बिहार विधानसभा के नेता विरोधी दल विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि, जीवन ख़त्म होने के बाद आप इस कुल के हैं ईश्वर यह नहीं देखते हैं।भगवान तो बस यही देखते हैं की आपका कर्म केसा है। इस समाज में मनुष्य की पहचान उसके कर्मों से ही होती है। महाभारत का युद्ध कौरवों के बुरे कामों का प्रमाण हैं अब ऐसा ही कुछ बिहार के शिक्षा मंत्री अपने बातों से जातीय विदेष फैला रहे हैं। इसका दुर्गामी परिणाम काफी विफल होगा। ये लोग सत्ता में बने रहने के लिए किसी भी हद तक गिरने के लिए तैयार बैठे हुए हैं। बिहार के शिक्षा मंत्री का बयान उनके विकृत मानसिकता का प्रमाण है।
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि, बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा रामचरितमानस को लेकर दिए गए बयान, दुर्भवाना से ग्रषित और दुर्भाग्यपूर्ण है। आईपीसी की धारा 295 ए के तहत इनके ऊपर मुकदमा चलना चाहिए। धर्म निंदा, ईश्वरनिंदा पर भारतीय कानून में सजा का प्रावधान है। जिसमें एक साल से लेकर तीन साल तक करावस की सजा का प्रावधान है।
इसके आगे उन्होंने इसको लेकर बिहार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से इनको मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिलवाएं। इनके बयान ने देश के करोड़ों हिंदुओं की भावना को आहात किया है। इसलिए इनसे इस्तीफा लेना चाहिए वरना यदि नीतीश- तेजस्वी इनके बयानों से सहमत हैं तो वह खुलकर इनका समर्थन करें। भगवान की इस किताब को समझने के लिए साफ़ मन चाहिए, लेकिन ये तो कपटी मंत्री हैं इसलिए इन बातों को वह कैसे समझेंगे।