PATNA : बिहार में इस ठंड के मौसम में भी सियासी गर्मी बरकार हैं। बिहार में विपक्ष में बैठी भाजपा और सात पार्टी के गठबंधन से बनी बिहार की सरकार कभी भी किसी भी मसले पर एक दूसरे पर जुवानी हमला बोलने से पीछे नहीं हटते हैं। वहीं, अब इस साल के अंतिम सप्ताह और नए साल के इंतजार के बीच बिहार भाजपा को बड़ा झटका लगा है।
दरअसल, बिहार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के नाम पत्र लिखकर खुद के पार्टी से इस्तीफे की पेशकश की है। इस पत्र के जरिए उन्होंने खुद के इस्तीफा स्वीकार करते हुए पार्टी प्रदत दायित्वों से मुक्त करने का भी अपील प्रदेश अध्यक्ष से किया है। हालांकि, इसकी आधिकारिक मंजूरी अभी नहीं मिली है।
बिहार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने अपने पत्र में लिखा है कि, बड़े ही खेदपूर्वक कहना है कि बिहार भाजपा आज प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की नीतियों व आदर्शों से पूरी तरह भटक चुकी है। प्रधानमन्त्री जी के ‘सबका साथ-सबका विकास’ की बात केवल कहने तक ही सीमित हो चुकी है। आज पार्टी में पिछड़ा/अतिपिछड़ा व दलित समाज के विरोधी तत्व हावी हो चुके हैं। हालात यह है कि जो नेता पिछड़े समाज के नहीं है वह भी इस समाज के नाम पर दशकों से सत्ता सुख भोग रहे हैं। इनके चहेते चंद नेताओं के अतिरिक्त पार्टी में पिछड़ा/अतिपिछड़ा व दलित समाज के नेताओं का उपयोग केवल झंडा ढ़ोने तक ही सीमित कर दिया गया है, जो प्रधानमन्त्री जी की नीतियों की सरासर उपेक्षा है।
इसी तरह पार्टी के एजेंडा सिर्फ और सिर्फ पटना तक ही सीमित रह गया है। नालंदा जिले की बात तक नहीं होती. यह सरासर नालंदा व अन्य जिलों की उपेक्षा है। क्षेत्र में जनता द्वारा पूछे जाने पर हम जवाब तक नहीं दे पाते। इसके अतिरिक्त और भी विषय हैं जिनपर मेरा पार्टी से मतैक्य नहीं है। कई विषय मैं इस पत्र में नहीं लिख रहा, लेकिन आने वाले समय में उन्हें उठाता रहूँगा। इसीलिए मैं पार्टी के पद और सदस्यता से अपना त्यागपत्र देता हूं।