PATNA: गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी.कृष्णैया हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन की 15 दिनों की पैरोल आज खत्म हो रही है। पैरोल खत्म होने के बाद आनंद मोहन आज शाम वापस जेल चले जाएंगे। बेटी सुरभि आनंद की शादी के लिए पूर्व सांसद को 15 दिनों के पैरोल पर जेल से बाहर आए थे। रिहाई में हो रही देर पर आनंद मोहन ने कहा कि एक कैदी होने के नाते इस बात की उन्हे जानकारी नहीं है लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही रिहाई मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सार्वजनिक मंच से लोगों को जो वचन दिया है उम्मीद है वे अपने वादे को पूरा करेंगे।
दरअसल, पूर्व सांसद आनंद मोहन की उम्रकैद की सजा पूरी हो चुकी है। ऐसे में उनकी रिहाई की मांग उठ रही है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में क्षत्रीय वोट बैंक को साधते हुए खुले मंच से लोगों को भरोसा दिलाया था कि वे आनंद मोहन की रिहाई के लिए कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले आनंद मोहन की बेटी सुरभि आनंद की सगाई में मुख्यमंत्री समेत बिहार के सभी दिग्गज नेता आनंद मोहन के घर पहुंचे थे। दूसरी बार पिछले दिनों सुरभि आनंद की शादी में सभी सियासी दिग्गजों का जमावड़ा लगा था। आनंद मोहन को 15-15 दिन का पैरोल मिला है। बेटी की शादी में वे 15 दिनों के पैरोल पर जेल से बाहर आए थे। आने वाले 24 अप्रैल को उनके विधायक बेटे चेतन आनंद की सगाई और 3 मई को शादी है। इस दौरान वे 15 दिनों के पैरोल पर फिर जेल से बाहर आ सकेंगे।
जेल वापसी से पहले पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि जिस भी कारण से कोर्ट ने उन्हें सजा दी उसे उन्होंने खुशी खुशी स्वीकार किया। सजा की अवधि खत्म होने के बावजूद जेल में शालिनता के साथ रह रहे हैं। लोगों के जेहन में रिहाई को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं उसका भी समाधान जल्द हो जाएगा, ऐसी उम्मीद है। आनंद मोहन ने कहा कि रिहाई में देरी क्यों हो रही है, एक कैदी के नाते यह उनकी समझ से परे है।
वहीं पटना में क्षत्रीय समाज की रैली में खुले मंच से मुख्यमंत्री द्वारा जल्द रिहाई कराने की बात कहने के सवाल पर आनंद मोहन ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अगर सार्वजनिक मंच से कोई वचन दिया है तो उसे वे पूरा जरूर करेंगे।उन्होंने कहा कि प्रक्रिया चल रही है और उम्मीद है कि जल्द ही समर्थकों को अच्छी खबर मिलेगी। आनंद मोहन ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का हवाला दिया जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब गांधी के हत्यारे गोडसे को रिहाई सकती है तो तो राजीव गांधी के हत्यारों को क्यों नहीं रिहाई मिलेगी। गुजरात का बिलकिस बानो का मामला भी एक उदाहरण है।
वहीं सुशील मोदी से उनकी मुलाकात पर चल रहे सियासी कयासों को नकारते हुए आनंद मोहन ने कहा कि सुशील मोदी उनकी बेटी के वैवाहिक कार्यक्रम में आए थे। राजनीति के दो लोग जब साथ बैठते हैं तो बहुत सारे कयास लगाए जाते हैं लेकिन जो भी कयास लगाए जा रहे हैं वह बिल्कुल लगत है, ऐसी कोई बात नहीं है। बीजेपी में जाने के कयास को नकारते हुए उन्होंने कहा कि सुशील मोदी से राजनीतिक मतभेद हो सकता है लेकिन व्यक्तिगत तौर पर कोई मनभेद नहीं रहा है। आनंद मोहन ने कहा कि वे शुरू से समाजवादी विचार धारा के रहे हैं और वहीं विचारधारा उनका पड़ाव होगा।
वहीं आरजेडी कोटे के मंत्री आलोक मेहता के 10 प्रतिशत वाले बयान पर आनंद मोहन ने कहा कि वे कही भी हिंदू मुसलमान और अगड़ा-पिछड़ा में लोगों के नहीं बांट सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे हमेशा से शत प्रतिशत के लिए जीते रहे हैं और आगे भी जिएंगे। आनंद मोहन ने कहा कि अभी तो वे जेल में हैं निकलेंगे तो जिससे दिल मिलेगा उसको सहयोग करेंगे।