PATNA : केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ बिहार में छात्रों ने जमकर उत्पात मचाया था। इस दौरान हुए हिंसक आंदोलन में रेलवे समेत अन्य सार्वजनिक संपत्ति का भारी नुकसान हुआ था। इस नुकसान की भरपाई के लिए पटना हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी। पटना हाई कोर्ट ने नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से कराने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई की।
कोर्ट को बताया गया कि सरकार के अधिकारी इस उपद्रव को रोकने में विफल साबित हुए हैं। जिसके कारण आंदोलन के दौरान 100 करोड़ रुपए की संपत्ति नष्ट कर दिया गया। याचिका में मांग की गई थी कि नुकसान का आकलन कर आंदोलनकारियों से पैसा वसूला जाए। इसके साथ ही आंदोलन में शामिल राजनीतिक दलों पर जुर्माना लगाया जाए। कोर्ट को बताया गया कि उग्र आंदोलन में न सिर्फ रेलवे का नुकसान हुआ बल्कि आम लोगों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई। ऐसे में उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जो उपद्रव रोकने में विफल साबित हुए।
बिहार सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि आंदोलनकारियों से निपटने के लिए सरकार पूरी तरह से मुस्तैद थी। सरकार को बदनाम करने के लिए इस प्रकार की जनहित याचिका दायर की गई है। उन्होंने बताया कि सरकारी संपत्ति की रक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था। महाधिवक्ता की तरफ से कोर्ट को जानकारी देने के बाद अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया।