ब्रेकिंग न्यूज़

बगहा के रामनगर में भीषण सड़क हादसा: मेडिकल टीम की कार अनियंत्रित होकर पलटी, 5 घायल, एक ANM की हालत गंभीर बिहार चुनाव पर कांग्रेस की समीक्षा बैठक में जमकर ड्रामा: गोली मारने की धमकी, गाली-गलौज, पार्टी ने कहा- वोट चोरी हुई इसलिए हारे इंतजार की घड़ी हुई खत्म: कल बिहार की 10 लाख महिलाओं के खाते में गिरेंगे 10-10 हजार रुपये इंश्योरेंस क्लेम की साजिश का भंडाफोड़: शव की जगह पुतला जलाने पहुंचे दो युवक गिरफ्तार दिल्ली दौरे पर सम्राट: बिहार का गृह मंत्री बनने के बाद अमित शाह और तावड़े से पहली मुलाकात BIHAR: शिक्षा के क्षेत्र में AI को मिलेगी उच्च प्राथमिकता: हर जिले में मॉडल स्कूल-कॉलेज बनाने का निर्देश Bihar Bhumi: पुश्तैनी जमीन की 'रसीद' आपके नाम से नहीं है....तब आप भूमि की बिक्री-रजिस्ट्री कर सकते हैं या नहीं ? नया आदेश क्या कहता है, सब कुछ जानें.... पटना में नाबालिग बच्ची की संदिग्ध मौत पर बवाल, गुस्साए लोगों ने की सम्राट चौधरी को मौके पर बुलाने की मांग PATNA: अंचल कार्यालयों में राजस्व विभाग के हेल्प डेस्क के रूप में काम करेंगे VLE, छठे बैच का आवासीय प्रशिक्षण शुरू BHAGALPUR TRAIN ACCIDENT: सबौर स्टेशन पर ट्रेन में चढ़ते समय महिला की गिरकर मौत, पति घायल

आस्था या अंधविश्वास: सावन में नंदी बाबा अचानक पीने लगे दूध

1st Bihar Published by: Dhiraj Kumar Singh Updated Sat, 17 Aug 2024 07:47:17 PM IST

आस्था या अंधविश्वास: सावन में नंदी बाबा अचानक पीने लगे दूध

- फ़ोटो

JAMUI: इसे आस्था कहें या अंधविश्वास लेकिन जो भी हो जमुई मलयपुर में स्थित मनोकामना शिव मंदिर में नंदी जी के दूध पीने की अफवाह उड़ी तो लोगों की भीड़ दूध पिलाने के लिए मंदिर में उमड़ पड़ी। यहां लोगों में आस्था का अटूट विश्वास देखने को मिला। 


बताया जा रहा है कि एक श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने पहुंचा तो उसने शिवलिंग पर पूजा अर्चना करने के बाद नंदी बाबा को चम्मच से पानी पिलाने लगे। देखते ही देखते चम्मच से पानी गायब हो गया। श्रद्धालु ने फिर से चम्मच में दूध लेकर भोग लगाया तो वह भी गायब हो गया। नंदी के दूध और पानी पीने की बात जंगल में आग की तरह फैल गई। 


आसपास के अलावे दूसरे गांवों के लोग भी मंदिर में भगवान नंदी को दूध पिलाने पहुंचने लगे। यह सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। लोगों का कहना है कि सावन महीने में शिव की सवारी नंदी के दूध पीना किसी सपना से कम नहीं है। कई वर्षों से शिव की पूजा अर्चना करने का फल मिला है। हालांकि इस प्रकार की घटनाएं पहले भी चर्चा में रही हैं। मूर्ति के दूध पीना का न तो कोई वैज्ञानिक आधार है और न कोई प्रमाणिकता। यह केवल लोगों का वहम और अंधविश्वास है।