Bihar crime : असामाजिक तत्वों ने पेट्रोल पंप पर खड़ी तीन बसों को फूंका, लाखों का नुकसान; मचा हडकंप Bihar news : 'तुझ में रब दिखता हैं यारा मैं क्या करूं ...', प्रेमी युगल का मोहल्लेवालों ने मंदिर में डलवाया सिंदूर, पुलिस रही बेबस BJP MLA Protest : बीजेपी विधायक को वोट मांगने पर ग्रामीणों ने खदेड़ा, बोले – “झूठ मत बोलिए विधायक जी” फिर कार्यकर्ता करने लगे यह काम Bihar politics : “जिसे कुछ करना ही नहीं है, उसके घोषणा पत्र की क्या कीमत...," बोले ललन सिंह- तेजस्वी कर रहे जनता के साथ मज़ाक Begusarai road accident : बेगूसराय में भीषण सड़क हादसा: डीटीओ, सीओ और ओएसडी गंभीर रूप से घायल, सिमरिया घाट से लौटते समय हुआ हादसा Bihar election : चुनावी सरगर्मी के बीच मचा हड़कंप, होटल से 10.36 लाख रुपये नकद बरामद; सीएम नीतीश के गृह क्षेत्र से जुड़ा है मामला IRCTC update : अब ट्रेन टिकट कैंसिल नहीं, बस बदलें डेट; जानिए रेलवे का नया नियम यात्रियों के लिए बनेगा राहत की सौगात Bihar accident : रील बनाने के चक्कर में बड़ा हादसा, दो किशोरों की मौत, एक गंभीर रूप से घायल; छठ की खुशियां मातम में बदलीं Bihar News: बिहार में जनसुराज पार्टी की प्रचार गाड़ी पर हमला, ड्राइवर को भी पीटा Bihar election : राहुल गांधी की 11, प्रियंका गांधी की 6 और खरगे की 3 सभाएं तय, तेजस्वी संग आज से प्रचार अभियान की जोरदार शुरुआत
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 27 Aug 2025 07:36:40 AM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Trump Tariff: अमेरिका द्वारा भारत पर आयात शुल्क (टैरिफ) बढ़ाने के फैसले का असर अब सीधे तौर पर बिहार के निर्यात पर पड़ने जा रहा है। इस ‘ट्रंप टैरिफ’ के कारण बिहार से अमेरिका को होने वाला करीब 250 करोड़ सालाना का निर्यात प्रभावित हो सकता है। खासकर मखाना, लीची, हल्दी, मधुबनी पेंटिंग, जर्दालु आम, भागलपुरी सिल्क और अन्य हस्तशिल्प उत्पादों की मांग पर बड़ा असर पड़ने की आशंका है।
दरअसल, देश के कुल मखाना उत्पादन का 80% से अधिक बिहार में होता है, और स्थानीय खपत के बाद जो मखाना निर्यात होता है, उसमें से 25% हिस्सा अकेले अमेरिका भेजा जाता है। यह मात्रा करीब 600 टन प्रति वर्ष है। ऐसे में टैरिफ लागू होने से इसकी कीमत बढ़ेगी, जिससे अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो जाएगा। मखाना निर्यातक सत्यजीत सिंह का कहना है कि उत्पादन पहले से ही मांग के मुकाबले कम है। अगर अमेरिका से ऑर्डर घटते हैं, तो हम दूसरे देशों की ओर रुख करेंगे। लेकिन इसके लिए नए बाजार ढूंढने होंगे, जो आसान नहीं है।
बिहार से अमेरिका को हर साल 50 लाख से 1 करोड़ के बीच की मधुबनी पेंटिंग, मंजूषा कला और कंटेम्परेरी आर्ट का निर्यात होता है। उपेन्द्र महारथी शिल्प संस्थान के पूर्व निदेशक अशोक कुमार सिन्हा के अनुसार, "डाकघर निर्यात केंद्र में दर्जनों कलाकार पंजीकृत हैं जो नियमित रूप से अमेरिका को अपनी कला सामग्री भेजते हैं। टैरिफ बढ़ने से इनकी प्रतिस्पर्धा कमजोर हो सकती है।"
बिहटा ड्राइपोर्ट से इस वर्ष अमेरिका को हल्दी भी भेजी गई है। इसके अलावा मुजफ्फरपुर की लीची, भागलपुरी सिल्क, कतरनी चावल, और हैंडलूम कपड़े जैसी चीजें भी अमेरिका में लोकप्रिय हैं। लेकिन बढ़े हुए आयात शुल्क के कारण इन उत्पादों की कीमत बढ़ेगी, जिससे अमेरिका में उनकी मांग 30% तक घट सकती है। बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष पीके अग्रवाल कहते हैं, "टैरिफ बढ़ने से ऑर्डर में गिरावट आ सकती है। भारतीय सामान अमेरिका में महंगे हो जाएंगे। इसका विकल्प खोजना जरूरी है।"
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष इसे सीमित प्रभाव वाला कदम मानते हैं। उनके मुताबिक, बिहार से निर्यात की मात्रा बहुत ज्यादा नहीं है। मखाना, चावल, आम और लीची की मांग दुनिया भर में है। इसलिए पूरी तरह नकारात्मक असर की आशंका नहीं है।
निर्यातकों का मानना है कि अगर केंद्र और राज्य सरकारें जल्द कदम नहीं उठातीं, तो बिहार के किसानों और कारीगरों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। सुझाव दिए जा रहे हैं कि मखाना जैसे सुपरफूड को GI टैग के साथ प्रमोट किया जाए। मधुबनी पेंटिंग और हस्तशिल्प उत्पादों के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को बढ़ावा दिया जाए। नई ट्रेड डील के ज़रिए वैकल्पिक बाज़ारों तक पहुंच बनाई जाए और निर्यात पर सब्सिडी या शिपिंग सहायता दी जाए।
‘ट्रंप टैरिफ’ के कारण भारत-अमेरिका व्यापार में नए तनाव पैदा हुए हैं, जिनका सीधा असर बिहार जैसे राज्यों पर हो रहा है। हालांकि विकल्प मौजूद हैं, लेकिन उनके लिए सरकारी सहयोग, रणनीतिक योजना और निर्यातकों की तत्परता बेहद जरूरी होगी