1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 17 Dec 2025 03:35:56 PM IST
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vigilance bureau bihar : अरवल जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, बिहार को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। ब्यूरो की मुख्यालय टीम ने बुधवार 17 दिसंबर 2025 को वंशी थाना मोड़ से 5,000 रुपये रिश्वत लेते हुए एक सहायक अवर निरीक्षक (ASI) को रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान मो. मुज्तवा अली के रूप में हुई है, जो वंशी थाना, जिला अरवल में पदस्थापित थे।
निगरानी थाना कांड संख्या-108/25 (दिनांक 11.12.2025) के तहत दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, आरोपी ASI पर एक आपराधिक मामले में निर्दोष लोगों को राहत देने के एवज में रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप है। इस मामले के परिवादी मुकेश कुमार, पिता राम प्रवेश पासवान, निवासी ग्राम कुरमावां, थाना वंशी, जिला अरवल हैं। उन्होंने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, बिहार, पटना के कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी।
शिकायत में बताया गया था कि वंशी थाना कांड संख्या-80/25 में आरोपी ASI द्वारा परिवादी समेत चार लोगों को निर्दोष मानते हुए अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित करने के एवज में 5,000 रुपये की रिश्वत की मांग की जा रही थी। परिवादी ने इस मांग से असहमत होकर सीधे निगरानी ब्यूरो का दरवाजा खटखटाया।
शिकायत प्राप्त होने के बाद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सत्यापन की कार्रवाई कराई। सत्यापन के दौरान यह प्रमाणित हुआ कि आरोपी ASI वास्तव में रिश्वत की मांग कर रहा है। प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए जाने पर विधिसम्मत कार्रवाई करते हुए कांड अंकित किया गया।
इसके बाद पुलिस उपाधीक्षक श्री मो. वसीम फिरोज के नेतृत्व में एक विशेष धावादल (ट्रैप टीम) का गठन किया गया। योजना के अनुसार, बुधवार को जैसे ही आरोपी ने वंशी थाना मोड़ पर परिवादी से 5,000 रुपये रिश्वत की राशि ली, धावादल ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उसे रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। मौके से रिश्वत की राशि भी बरामद की गई।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी ASI से निगरानी ब्यूरो द्वारा पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के उपरांत उसे माननीय विशेष न्यायालय, निगरानी, पटना में प्रस्तुत किया जाएगा। ब्यूरो के अनुसार, मामले में आगे की अनुसंधान प्रक्रिया जारी है और यह भी जांच की जा रही है कि आरोपी इससे पहले भी इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त रहा है या नहीं।
इस कार्रवाई से एक बार फिर यह संदेश गया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी सरकारी कर्मी को बख्शा नहीं जाएगा। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की इस त्वरित और सख्त कार्रवाई से आम लोगों में कानून के प्रति विश्वास मजबूत हुआ है।