G.D. Goenka School Purnia : पूर्णिया के जीडी गोयनका विद्यालय ने रचा इतिहास, बच्चों ने जीते 94 पदक पटना पुलिस ने महाकाल गैंग का किया सफाया, भारी मात्रा में हथियार और कारतूस बरामद Patna Traffic Alert: पटना में बढ़ेंगी दिक्कतें: मीठापुर-सिपारा एलिवेटेड रोड पर इस दिन तक बंद रहेगा आवागमन बिहार में खनन क्षेत्र की संभावनाओं पर उच्चस्तरीय बैठक, रोजगार और राजस्व पर फोकस Sayara Blockbuster Effect : ब्लॉकबस्टर ‘सैयारा’ ने बदली अनीत पड्डा की किस्मत, अब दिखेंगी YRF की अगली फिल्म में पूर्णिया नगर निगम की उपेक्षा से इलाके के लोग नाराज, बीच सड़क पर ही करने लगे धान की रोपनी Amrit Bharat Train: त्योहारी सीजन में यात्रियों को बड़ी राहत, रेलवे चलाएगा शेखपुरा से दिल्ली तक विशेष अमृत भारत ट्रेन Liquor Cashless Policy : शराब को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, अब केवल ऑनलाइन पेमेंट से ही मिलेगी बोतल BSSC CGL 4 Vacancy: BSSC CGL 4 और ऑफिस अटेंडेंट के पदों पर बंपर वैकेंसी, आवेदन शुरू; जानिए... पूरी खबर PATNA NEWS : केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का विरोध, NUSI के मेंबर ने दिखाए काले झंडे फिर जमकर हुई हाथापाई और गाली-गलौज
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 26 Aug 2025 02:42:52 PM IST
- फ़ोटो GOOGLE
GST Reforms 2025: अगर आप ब्रांडेड कपड़े या बाहर का खाना पसंद करते हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है। सरकार जल्द ही जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) ढांचे में बड़े सुधार करने जा रही है, जिससे कई आम उपयोग की वस्तुएं और सेवाएं सस्ती हो सकती हैं। 3-4 सितंबर 2025 को होने वाली GST काउंसिल की बैठक में इन प्रस्तावों पर चर्चा होगी, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी।
जानकारी के मुताबिक, सरकार टैक्स स्लैब को सरल बनाकर केवल दो मुख्य दरें रखने पर विचार कर रही है, 5% और 18%। वहीं, विलासिता या हानिकारक वस्तुओं पर 40% जीएसटी दर लागू रखने का प्रस्ताव है। इस कदम का उद्देश्य टैक्स प्रणाली को आसान बनाना, उपभोक्ताओं को राहत देना और जीएसटी संग्रह को और प्रभावी बनाना है।
बता दें कि, इन वस्तुओं पर GST दर कम होने के कयास लगाए जा रहे हैं, उसमें शामिल है-
ब्रांडेड कपड़े और फूड आइटम्स: वर्तमान में इन पर 12% तक जीएसटी लगता है, जिसे घटाकर 5% करने का प्रस्ताव है। इससे शॉपिंग और खाने-पीने के खर्च में बड़ी राहत मिल सकती है।
सीमेंट- अब तक 28% जीएसटी स्लैब में आने वाले सीमेंट को 18% के दायरे में लाया जा सकता है, जिससे कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग की लागत में कमी आ सकती है।
सैलून और पार्लर सेवाएं: इन सेवाओं पर लगने वाला जीएसटी 18% से घटाकर 5% किया जा सकता है, जिससे ब्यूटी सर्विसेज सस्ती हो सकती हैं।
एसी, टीवी, फ्रिज: इन इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स को भी 28% से घटाकर 18% स्लैब में लाने पर विचार चल रहा है।
हेल्थ इंश्योरेंस: सबसे बड़ी राहत हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में मिल सकती है, जहां जीएसटी दर को 18% से घटाकर 0% (शून्य) करने का प्रस्ताव है। इससे स्वास्थ्य बीमा लेना लाखों लोगों के लिए सस्ता और अधिक सुलभ हो सकता है।
हालांकि, इस टैक्स रिफॉर्म को लेकर कुछ राज्य सरकारें चिंतित हैं, विशेष रूप से अपनी राजस्व क्षति को लेकर। कुछ राज्य जैसे पश्चिम बंगाल ने सुझाव दिया है कि अधिकतम जीएसटी दर को 40% से भी ऊपर बढ़ाया जाए, लेकिन केंद्र सरकार को आशंका है कि इससे उपभोक्ताओं को नकारात्मक संदेश जाएगा। इसके साथ ही, ऐसे किसी बदलाव के लिए संविधान में संशोधन की भी जरूरत पड़ेगी।
सरकार का कहना है कि जीएसटी रिफॉर्म के बाद राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई की व्यवस्था केंद्र करेगा, जिस पर भी बैठक में चर्चा की जाएगी। GST काउंसिल की आगामी बैठक में अगर ये प्रस्ताव पास होते हैं तो यह आम जनता के लिए बड़ी राहत बन सकती है। खासकर मध्यम वर्ग, जो ब्रांडेड कपड़े, पार्लर सेवाएं, सीमेंट या हेल्थ इंश्योरेंस जैसी सेवाओं और वस्तुओं का उपयोग।