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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 01 Sep 2025 03:52:40 PM IST
भारत में इनकम टैक्स की दरें - फ़ोटो GOOGLE
Jobs With Tax Exemption: देश में नौकरी करने वाले अधिकांश लोगों को अपनी आय के आधार पर टैक्स देना पड़ता है। भारत में इनकम टैक्स की दरें और स्लैब्स अलग-अलग आय स्तरों के हिसाब से तय किए गए हैं। हालांकि, टैक्स सिस्टम कभी-कभी जटिल लगता है, लेकिन इसे समझना बहुत जरूरी है ताकि अपनी आय का सही प्रबंधन किया जा सके। जानना जरूरी है कि हर तरह की नौकरी या आय के स्रोत पर टैक्स नहीं लगता और कुछ खास वर्गों या स्रोतों को टैक्स छूट भी मिलती है।
भारत सरकार ने कुछ खास सरकारी पदों और नौकरियों को टैक्स राहत दी है, खासकर उन पदों को जिनकी सैलरी सीधे सरकार द्वारा नियंत्रित होती है। इन पदों पर निर्धारित भत्तों और अन्य सुविधाओं के तहत आर्थिक राहत दी जाती है। इनमें शामिल हैं -
सशस्त्र बलों के कर्मी: सेना, नौसेना और वायुसेना के जवानों को विशेष टैक्स लाभ मिलता है।
शिक्षक और अनुसूचित जाति/जनजाति के सरकारी कर्मचारी: कुछ वर्गों को सामाजिक न्याय के तहत टैक्स छूट मिलती है।
सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी: पेंशन पर भी कुछ छूटें लागू होती हैं।
सरकारी अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारी: जो निर्धारित भत्ते प्राप्त करते हैं, उन पर टैक्स छूट मिल सकती है। ये छूटें न केवल आर्थिक राहत प्रदान करती हैं, बल्कि कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने का भी एक तरीका हैं।
सिर्फ सरकारी नौकरियों पर ही नहीं, बल्कि कई प्राइवेट क्षेत्र की कुछ आय स्रोतों पर भी टैक्स छूट दी जाती है। जैसे
खेती-बाड़ी से आय कृषि से प्राप्त आय पर टैक्स नहीं लगता है, क्योंकि खेती भारत की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
छोटे व्यवसाय और स्टार्टअप्स: सीमित आय वाले छोटे व्यवसायों को कर लाभ मिलता है, जिससे वे आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें।
स्कॉलरशिप और स्टाइपेंड: शिक्षा या शोध के लिए मिलने वाली स्कॉलरशिप पर टैक्स नहीं लगता।
स्वयंसेवक और सामाजिक सेवा कार्य: कई बार स्वयंसेवकों को मिलने वाले भत्ते या अनुदान पर टैक्स से छूट मिलती है।
इंसूरेंस पॉलिसी और बचत योजनाएं: जीवन बीमा, पीपीएफ और अन्य सरकारी बचत योजनाओं में निवेश पर टैक्स छूट दी जाती है।
इन छूटों और नियमों के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य है मेहनतकश और कमजोर वर्ग को आर्थिक तौर पर समर्थन देना। यह आर्थिक राहत केवल आयकर बचाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे समाज के विभिन्न वर्गों को प्रोत्साहित भी किया जाता है। भारत में टैक्स नियम समय-समय पर बदलते रहते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि टैक्सपेयर्स अपनी जानकारी हमेशा अपडेट रखें। सही जानकारी होने पर ही वे अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग बेहतर तरीके से कर पाएंगे। टैक्स छूट और लाभों का पूरा फायदा उठा पाएंगे। अनावश्यक टैक्स भुगतान से बच सकेंगे।
इसके साथ ही धारा 80C के तहत निवेश: जीवन बीमा प्रीमियम, पीपीएफ, और यूटीआई फंड में निवेश पर टैक्स छूट। धारा 10 के तहत कुछ विशेष आय: जैसे बच्चों की शिक्षा हेतु मिलने वाली स्कॉलरशिप। धारा 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट। धारा 54 के तहत मकान बेचकर पुनर्निवेश पर कर लाभ।
भारत में टैक्स सिस्टम जटिल जरूर है, लेकिन इसे समझना आवश्यक है। टैक्स छूटों और लाभों को जानना न सिर्फ आपकी आय को बचाने में मदद करता है, बल्कि यह आपको बेहतर आर्थिक निर्णय लेने में भी सक्षम बनाता है। इसलिए टैक्स नियमों की जानकारी रखना और आवश्यकतानुसार विशेषज्ञों से सलाह लेना हर आय वर्ग के लिए जरूरी है।