1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 26 Sep 2025 10:31:56 AM IST
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INDIAN RAILWAY : भारतीय रेल लगातार यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए नई-नई पहल कर रहा है। इसी कड़ी में अब रेलवे ने साधारण श्रेणी के टिकट लेने वाले यात्रियों को टिकट काउंटर पर लगने वाली लंबी कतार से निजात दिलाने के लिए एक अनोखा कदम उठाया है। जल्द ही रेलवे के चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के यूनिफॉर्म पर क्यूआर कोड लगाया जाएगा। इस कोड को स्कैन कर यात्री सीधे टिकट बुकिंग पेज पर पहुंच जाएंगे और कुछ ही मिनटों में अनारक्षित टिकट खरीद सकेंगे।
रेलवे स्टेशनों पर अक्सर देखा जाता है कि साधारण श्रेणी की टिकट लेने के लिए यात्रियों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। भीड़ के कारण समय और ऊर्जा दोनों की बर्बादी होती है। रेलवे की इस नई व्यवस्था से यात्रियों को अब टिकट काउंटर पर लाइन में खड़े रहने की जरूरत नहीं होगी। जंक्शन परिसर में मौजूद कोई भी यात्री चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के यूनिफॉर्म पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर तुरंत टिकट खरीद पाएगा।
इस व्यवस्था को लागू करने के लिए रेलवे बोर्ड के वित्त विभाग ने पूमरे (पूर्व मध्य रेलवे) सहित सभी जोनों के वाणिज्य विभाग को पत्र भेजा है। पत्र में साफ कहा गया है कि चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के यूनिफॉर्म पर यूटीएस एप का क्यूआर कोड लगाया जाए। इसका उद्देश्य यात्रियों को टिकट काउंटर की भीड़ से बचाना और टिकट खरीद की प्रक्रिया को और आसान बनाना है।
वर्तमान में अनारक्षित टिकट मोबाइल एप यूटीएस ऑन मोबाइल से भी खरीदे जा सकते हैं। लेकिन इसमें कई बार लॉगिन की झंझट और चार से पांच स्टेप पूरे करने पड़ते हैं। नई व्यवस्था में यह झंझट खत्म हो जाएगा। अधिकारी के अनुसार, क्यूआर कोड स्कैन करते ही यात्री सीधे टिकट बुकिंग पेज पर पहुंच जाएंगे। वहां केवल यात्रा करने वाले स्टेशन का नाम भरना होगा और पेमेंट गेटवे के जरिए तुरंत टिकट मिल जाएगा। इस प्रक्रिया में मात्र दो स्टेप होंगे, जबकि पहले चार से अधिक स्टेप पूरे करने पड़ते थे।
रेलवे ने एक और अहम कदम उठाया है। अब आरक्षित और अनारक्षित दोनों तरह के टिकटों पर क्यूआर कोड अंकित होगा। इसके लिए टिकट काउंटरों पर लेजर प्रिंटर लगाए जा रहे हैं। जैसे ही इनका इंस्टॉलेशन पूरा होगा, टिकट पर क्यूआर कोड की प्रिंटिंग शुरू हो जाएगी। यह कोड टिकट की वैधता की जांच में मदद करेगा। रेलवे अधिकारी के मुताबिक, बार कोड रीडर से आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि टिकट सही है या फर्जी।
रेलवे की इस नई पहल से लाखों यात्रियों को राहत मिलेगी। अनारक्षित टिकट खरीदने के लिए अब उन्हें न तो लंबी लाइन में लगना होगा और न ही मोबाइल एप पर बार-बार लॉगिन करने की झंझट झेलनी पड़ेगी। वहीं, टिकट पर लगे क्यूआर कोड से जांच की प्रक्रिया भी आसान हो जाएगी। इससे फर्जी टिकटों पर अंकुश लगेगा और यात्रियों का विश्वास रेलवे की सेवाओं पर और मजबूत होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल व्यवस्था के बढ़ते दायरे में यह कदम रेलवे के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इससे टिकटिंग प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी और समय की भी बचत होगी। साथ ही रेलवे के राजस्व पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। आने वाले समय में इस व्यवस्था को पूरे देश में लागू करने की तैयारी है।