Bihar Crime News: बिहार पुलिस चालक भर्ती परीक्षा में बड़ी जालसाजी का खुलासा, नकली मजिस्ट्रेट सहित पूरा सॉल्वर गैंग गिरफ्तार

रोहतास के डेहरी में बिहार पुलिस चालक भर्ती परीक्षा में नकली मजिस्ट्रेट बनकर जालसाजी कर रहे सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ हुआ। पुलिस ने नकली मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सिंह सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया।

1st Bihar Published by: Ranjan Kumar Updated Thu, 11 Dec 2025 04:53:57 PM IST

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Bihar Crime News: रोहतास जिले के डेहरी से बिहार पुलिस ने बुधवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए चालक भर्ती परीक्षा में जालसाजी करने पहुंचे पूरे सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ किया है। परीक्षा केंद्र में नकली मजिस्ट्रेट बनकर पहुंचे अशोक कुमार सिंह और उसके चार सहयोगियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से कई मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं।


बिहार पुलिस चालक भर्ती की लिखित परीक्षा बुधवार को आयोजित की गई थी। डेहरी के D.A.V. स्कूल कटार स्थित परीक्षा केंद्र में एक व्यक्ति खुद को पटना सचिवालय का वरीय कोषागार पदाधिकारी बताकर निरीक्षण के बहाने अंदर घुस गया। वह लंबे समय तक परीक्षा कक्षों में घूमता रहा और इस दौरान उसने एक चिन्हित अभ्यर्थी विकास कुमार को बाहर बुलाकर अपने साथ ले लिया।


पुलिस के अनुसार, अशोक कुमार सिंह जिस स्कॉर्पियो से आया था, उसमें पहले से ही दो सॉल्वर मौजूद थे। वह विकास कुमार को गाड़ी में ले गया और उसके O.M.R शीट को वहीं भरकर दोबारा उसे परीक्षा कक्ष में भेज दिया। इसी गतिविधि पर केंद्र में मौजूद पुलिस अधिकारियों, सुपरवाइजर और मजिस्ट्रेट को शक हुआ।


संदेह होने पर जब पूछताछ शुरू हुई तो पूरा मामला उजागर हो गया। तुरंत इंद्रपुरी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और नकली मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया। वह पटना के महेंद्रु घाट स्थित एक कोचिंग संस्थान में शिक्षक बताया जा रहा है।


इसके अलावा पुलिस ने अभ्यर्थी विकास कुमार (जहानाबाद घोसी निवासी), स्कॉर्पियो में मौजूद सॉल्वर एक्सपर्ट संतोष कुमार और वाहन चालक ललित कुमार को भी गिरफ्तार किया। जांच में यह भी सामने आया कि परीक्षा से एक दिन पहले अशोक कुमार सिंह ने परीक्षा केंद्र की रेकी भी की थी। स्कॉर्पियो पर जिला प्रशासन रोहतास का नकली नेम प्लेट लगाकर वह परीक्षा केंद्र में प्रवेश कर गया था।


डेहरी के एएसपी अतुलेश झा ने बताया कि आरोपित ने नकली पहचान पत्र का उपयोग किया था और पूरी जालसाजी स्थानीय प्रशासन की सतर्कता के कारण उजागर हो गई। पुलिस ने सभी आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।