Bihar News: बिहार के सबसे बड़े अस्पताल में होगी तीन हजार से अधिक बहाली, दिल्ली AIIMS की तर्ज पर विकसित करने का लक्ष्य Bihar News: बिहार के सबसे बड़े अस्पताल में होगी तीन हजार से अधिक बहाली, दिल्ली AIIMS की तर्ज पर विकसित करने का लक्ष्य Success Story: कौन हैं डॉक्टर से IAS बनीं अर्तिका शुक्ला? जिन्होंने बिना कोचिंग UPSC में लाया 4th रैंक; जानें... सफलता की कहानी Which pulse is Good for Health: शरीर की जरूरत के अनुसार चुनें दाल, जानें किससे मिलेगा ज्यादा फायदा Bihar News: बिहार में दो सगी बहनों की डूबने से मौत, गंगा स्नान के दौरान हुआ हादसा Bihar News: बिहार में दो सगी बहनों की डूबने से मौत, गंगा स्नान के दौरान हुआ हादसा Kerala Congress Controversy: ‘B से बीड़ी और B से बिहार’ केरल कांग्रेस के विवादित पोस्ट पर फजीहत के बाद एक्शन, सोशल मीडिया चीफ को देना पड़ा इस्तीफा Kerala Congress Controversy: ‘B से बीड़ी और B से बिहार’ केरल कांग्रेस के विवादित पोस्ट पर फजीहत के बाद एक्शन, सोशल मीडिया चीफ को देना पड़ा इस्तीफा Patna News: पटना का वांटेड अपराधी शैलेन्द्र यादव गिरफ्तार, देसी कट्टा और कारतूस बरामद SBI Clerk Prelims Exam 2025: SBI क्लर्क भर्ती प्रारंभिक परीक्षा की तारीखें घोषित, 6589 पदों पर होगी बहाली
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 07 Sep 2025 02:09:15 PM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और इसे विश्व स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक बड़ा ही महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। नालंदा विश्वविद्यालय और बिहार संग्रहालय ने एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जो बिहार के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को न केवल सहेजेगा बल्कि इसे आधुनिक तकनीक और शैक्षणिक अनुसंधान के माध्यम से नई पीढ़ी तक भी पहुंचाएगा। इस करार के तहत दोनों संस्थाएं मिलकर दुर्लभ पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण, शोध परियोजनाओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर काम करेंगी।
इस समझौते के तहत नालंदा विश्वविद्यालय और बिहार संग्रहालय मिलकर अमूल्य पांडुलिपियों को डिजिटल रूप में संरक्षित करेंगे। ये पांडुलिपियां बिहार के प्राचीन ज्ञान और संस्कृति का खजाना हैं, जिन्हें डिजिटल माध्यम से न केवल सुरक्षित किया जाएगा बल्कि दुनिया भर के शोधकर्ताओं और इतिहास प्रेमियों के लिए आसानी से उपलब्ध भी कराया जाएगा। इसके अलावा, दोनों संस्थान संयुक्त रूप से शैक्षणिक पाठ्यक्रम तैयार करेंगे जो छात्रों को बिहार के इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व के बारे में गहराई से समझने का मौका देंगे।
इस करार का एक और महत्वपूर्ण पहलू है सांस्कृतिक और शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन। प्रदर्शनियां, सम्मेलन और संगोष्ठियों के माध्यम से बिहार की समृद्ध परंपराओं को आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा। साथ ही, संग्रहालय विज्ञान, पुरातत्व और इतिहास के क्षेत्र में विशेषज्ञों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य नई पीढ़ी में बिहार की सांस्कृतिक विरासत के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इस क्षेत्र में कुशल पेशेवर तैयार करना है।
नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन काल में विश्व का सबसे बड़ा शैक्षणिक केंद्र था, अब बिहार संग्रहालय के साथ मिलकर अपनी ऐतिहासिक विरासत को फिर से जीवंत करने जा रहा है। यह समझौता नालंदा की शैक्षणिक परंपरा को आधुनिक संग्रहालय विज्ञान के साथ जोड़कर बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को नया आयाम देगा। यह सहयोग न केवल बिहार के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है क्योंकि यह हमारी प्राचीन संस्कृति को सहेजने और इसे विश्व पटल पर प्रस्तुत करने का एक अनूठा प्रयास है।