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बिहार में 1500 करोड़ के निवेश से बनेंगे 10 CBG संयंत्र, 50 लाख कनेक्शन और 50,000 रोजगार का लक्ष्य

बिहार में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार 2025 तक 10 CBG संयंत्रों की स्थापना करेगी। ₹1,500 करोड़ के निवेश से बनने वाले इन संयंत्रों से 50 लाख कनेक्शन, 15 लाख घरों को स्वच्छ ऊर्जा और 50,000 से अधिक रोजगार के अवसर मिलेंगे।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 05 Aug 2025 08:51:44 PM IST

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बिहार में रोजगार के अवसर - फ़ोटो GOOGLE

BIHAR: बिहार में 1500 करोड़ के निवेश से 10 CBG संयंत्र बनाये जाएंगे। जिससे 50 लाख कनेक्शन दिया जाएगा और 50,000 लोगों को रोजगार मिल पायेगा। इस बात की जानकारी बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने दी। उन्होंने बताया कि  प्रति वर्ष 5 लाख टन बायोमास सीबीजी का उत्पादन होने की उम्मीद है। वही 15 लाख से अधिक घरों को स्वच्छ ऊर्जा मिलेगी।


उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि इस वर्ष के अंत तक बिहार में 10 सीबीजी संयंत्रों की स्थापना का लक्ष्य है, जिनमें कुल ₹1,500 करोड़ से अधिक का निवेश किया जाएगा। इन संयंत्रों के माध्यम से प्रति वर्ष 5 लाख टन बायोमास सीबीजी का उत्पादन होने की उम्मीद है। 


डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने  पटना के होटल मौर्या में बिहार बायोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन (संशोधन) नीति, 2025 को लागू करने हेतु आयोजित "बिहार बायोफ्यूल संवाद" कार्यक्रम में कहा कि एनडीए सरकार हरित ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार, सहयोग और निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने 2025 तक सीबीजी उत्पादन के लिए 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें बिहार को प्रमुख लाभार्थी राज्य के रूप में देखा जा रहा है।


सम्राट चौधरी ने बताया कि भारत सरकार ने भारत बायोगैस नेटवर्क की स्थापना की, जिसमें बिहार को जोड़ते हुए सीबीजी   नेटवर्क विस्तार के लिए सहयोग किया जा रहा है। यह नेटवर्क दूसरे राज्यों के साथ-साथ बिहार में भी हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी ) के व्यापक उपयोग के लिए एक स्थिर मंच प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि 2025 तक बिहार में 50 लाख सीबीजी कनेक्शनों का विस्तार किया जाएगा, जिससे राज्य में 15 लाख से अधिक घरों को स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध हो सकेगी।


सम्राट चौधरी ने कहा कि 2025 तक, बिहार में सीबीजी संयंत्रों के संचालन से  50,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा। इसमें संयंत्रों के संचालन, रखरखाव और बायोमास संग्रहण से जुड़े लोग शामिल हैं। उपमुख्यमंत्री चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार ने 2023 में बायोफ्यूल नीति को मंजूरी दी,, जिसमें सीबीजी उत्पादन और वितरण को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष पहल की गई है। इस नीति के तहत चयनित इकाई को प्लांट और मशीनरी की लागत का 15 फीसदी तक सब्सिडी मिल सकती है, जो अधिकतम 5 करोड़ रुपये हो सकती है।


 उन्होंने कहा कि एससी/एसटी और ईबीसी वर्ग की महिला, दिव्यांग, एसिड अटैक पीड़ित और थर्ड जेंडर के उ‌द्यमियों को प्लांट एवं मशीनरी की लागत का 15.75 प्रतिशत और अधिकतम 5 करोड़ 25 लाख रुपये दिया जाएगा। उपमुख्यमंत्री-सह-वित्त  चौधरी ने कहा कि बिहार ऊर्जा और उ‌द्यम के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य की कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) नीति का उद्देश्य ऊर्जा क्षेत्र में के अवसरों का पता लगाने के लिए निवेशकों और नीति निर्माताओं को एक साथ जोड़ना है।


उन्होंने कहा कि बिहार अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। पांच वर्षों में 23,968 मेगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है। बिहार वर्ष 2070 तक देश के शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य में अहम योगदान देने वाला प्रदेश होने जा रहा है। सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य में सौर, वायु और बॉयोमास से अक्षय ऊर्जा बनाने की योजना के तहत सबसे ज्यादा 18 हजार 448 मेगावाट बिजली सौर परियोजनाओं से उत्पादित होगी। 


उन्होंने कहा कि देश की चार बड़ी कंपनियों एलएंडटी, एनटीपीसी, अवाडा ग्रुप और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसइसीआई) के साथ 2 हजार 357 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए 5 हजार 337 करोड़ रुपये का समझौता हो चुका है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार  खेती के लिए अलग से एग्री वोल्टिक, वायु ऊर्जा, कचरे से बिजली और बायोमास परियोजनाओं पर भी कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट फ्री बिजली देने के साथ वैकल्पिक व अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में हमारे बढ़ते कदम नए बदलते और औ‌द्योगिक रूप से समृद्ध और विकसित होते बिहार की निशानी है।