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05-Feb-2025 07:45 AM
By First Bihar
Magh Gupt Navratri 2025: गुप्त नवरात्र का विशेष महत्व है, और इस दौरान देवी मां दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों की उपासना की जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, 5 फरवरी 2025 को गुप्त नवरात्र की अष्टमी तिथि पड़ रही है। इस दिन को मां दुर्गा को समर्पित माना गया है। देवी दुर्गा की पूजा करने और व्रत रखने से साधक को हर मनोकामना की पूर्ति का आशीर्वाद मिलता है।
यह दिन उन भक्तों के लिए विशेष होता है, जो अपने जीवन में सुख, शांति और सौभाग्य की कामना करते हैं। मां दुर्गा को सच्चे मन से पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सफलता के द्वार खुलते हैं। गुप्त नवरात्र की अष्टमी का दिन मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए बेहद शुभ और महत्वपूर्ण है।
गुप्त नवरात्र की अष्टमी का महत्व
अष्टमी तिथि देवी दुर्गा को प्रसन्न करने का विशेष दिन है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां दुर्गा की पूजा करने से न केवल साधक को सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है, बल्कि उसे आध्यात्मिक बल और ऊर्जा भी मिलती है। साथ ही, इस दिन की गई पूजा और मंत्र जप का महत्व कई गुना बढ़ जाता है, विशेष रूप से जब मंत्रों का जप राशि के अनुसार किया जाता है।
राशि अनुसार विशेष मंत्र जप
मेष राशि:
मंत्र: ॐ गौर्यै नमः
इस मंत्र का जप करने से मां दुर्गा का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
वृषभ राशि:
मंत्र: ॐ कमलायै नमः
यह मंत्र सुख-समृद्धि में वृद्धि करता है।
मिथुन राशि:
मंत्र: ॐ शिवायै नमः
इस मंत्र का जप मानसिक शांति प्रदान करता है।
कर्क राशि:
मंत्र: ॐ कुण्डल्यै नमः
इस मंत्र का जाप करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
सिंह राशि:
मंत्र: ॐ गिरिजायै नमः
यह मंत्र साहस और आत्मबल बढ़ाता है।
कन्या राशि:
मंत्र: ॐ अंबिकायै नमः
इस मंत्र का जप मां अंबिका की कृपा पाने का मार्ग खोलता है।
तुला राशि:
मंत्र: ॐ त्रिनेत्रायै नमः
इस मंत्र का जप सौभाग्य और शक्ति प्रदान करता है।
वृश्चिक राशि:
मंत्र: ॐ हरप्रियायै नमः
यह मंत्र मां दुर्गा की असीम कृपा दिलाता है।
धनु राशि:
मंत्र: ॐ महालक्ष्म्यै नमः
इस मंत्र का जप धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति में सहायक होता है।
मकर राशि:
मंत्र: ॐ दुर्गायै नमः
यह मंत्र हर कष्ट को दूर करता है।
कुंभ राशि:
मंत्र: ॐ ब्राह्मयै नमः
यह मंत्र आध्यात्मिक उन्नति के लिए बेहद प्रभावी है।
मीन राशि:
मंत्र: ॐ भैरव्यै नमः
इस मंत्र का जप भक्त को शक्ति और ऊर्जा प्रदान करता है।
पूजा विधि
प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और मां दुर्गा का स्मरण करें।
पूजा स्थान पर लाल या सफेद वस्त्र बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें।
मां दुर्गा को लाल पुष्प, फल, मिष्ठान्न, रोली, अक्षत और दीप अर्पित करें।
देवी दुर्गा के मंत्र का जप करें और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
अंत में मां दुर्गा की आरती करें और प्रसाद वितरण करें।
गुप्त नवरात्र की अष्टमी के लाभ
मां दुर्गा की पूजा से जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
साधक को सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
देवी की कृपा से स्वास्थ्य, धन और शांति का आशीर्वाद मिलता है।
राशि अनुसार मंत्र जप करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।