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स्केटिंग में मेडल जीतने वाले पहले बॉय ने सरकार से कर दी बड़ी मांग, जानिये 6 साल के नेतव्या ने क्या कहा?

स्केटिंग में मेडल जीतने वाले पहले बॉय ने सरकार से कर दी बड़ी मांग, जानिये 6 साल के नेतव्या ने क्या कहा?

27-Dec-2023 07:51 PM

By VISHWAJIT ANAND

PATNA: 61वीं नेशनल स्केटिंग चैंपियनशिप में बिहार के 6 साल के बच्चे नेतव्या ने Bronze medal (कांस्य पदक) जीता है। ब्यॉज में 5 से 7 में यह पहला बच्चा है जिसने स्केटिंग में मेडल लाया है। नेतव्या का सपना है कि वो गोल्ड जीतकर बिहार और देश का नाम रोशन करे। लेकिन प्रैक्टिस के लिए जगह उपलब्ध नहीं हो पा रही है जिसके कारण वो राबड़ी आवास के सामने सड़क पर रोजाना प्रैक्टिस करने पहुंचता है। इसके साथ-साथ कई बच्चे भी प्रैक्टिस के लिए यहां पहुंचते हैं। नेतव्या की मां भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तेजस्वी यादव से प्रैक्टिस के लिए जगह मुहैया कराने की मांग कर रही है। उनका कहना है कि यदि सरकार इस पर ध्यान देती है तो बच्चे गोल्ड भी लाएंगे। 


कांस्य पदक जीतने वाले 6 साल का नेतव्या जीडी गोइनका में दूसरी कक्षा का छात्र है। उसकी मां सुप्रिया सिंह बेटे की इस सफलता से काफी खुश है लेकिन उनका कहना है कि जिस दिन उनका बेटा गोल्ड लाएगा उस दिन खुशी ज्यादा होगी। सुप्रिया का कहना है कि उनका बेटा क्लास का सेकंड टॉपर है। 61 साल में आज तक किसी ब्यॉज ने स्केंटिंग में मेडल नहीं जीता है। लड़कियों ने ही अवार्ड हासिल किया है। बच्चे ब्रॉन्ज और सिलवर लेकर आए हैं लेकिन गोल्ड आज तक किसी ने नहीं लाया है। बिहार सरकार यदि मदद करती है तो बिहार के बच्चे गोल्ड भी आएंगे। उन्होंने सरकार से स्केटिंग के प्रैक्टिस के लिए जगह मुहैया कराने की मांग की है। बता दें कि पिछले साल सानवी चौहान नामक लड़की ने स्केटिंग में मेडल लाया था। इस बार वो कंपिटिशन में पार्टिसिपेंट नहीं कर पायी थी। इंटरनेशनल लेवल पर पहुंचना सानवी का भी सपना है। 


वही बिहार स्केटिंग एसोसिएशन ने भी बच्चों के प्रैक्टिस के लिए जगह मुहैया कराने की मांग की है। कहा है कि यदि जगह मुहैया सरकार कराती है तो और बेहतर प्रैक्टिस कर ये गोल्ड भी लाएंगे। अभी बच्चे राबड़ी आवास के बाहर रोड पर प्रैक्टिस करते हैं। सुबह में 5 से 8 और शाम में 8.30 से 10.30 तक बच्चे प्रैक्टिस करते है। लेकिन जो सुविधा इन बच्चों को मिलनी चाहिए वो नहीं मिलती। बच्चों को रोड पर ट्रैफिक के बीच प्रैक्टिस करना पड़ता है। बच्चे काफी मेहनत कर रहे हैं और ज्यादा प्रैक्टिस करेंगे तब गोल्ड लेकर आएंगे। बच्चे एक तरफ सड़क पर प्रैक्टिस करते हैं वही दूसरी तरफ गाड़ियां चलती है। ट्रैफिक के बीच में बच्चे प्रैक्टिस करते हैं ऐसे में बच्चों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बिहार के डिप्टी सीएम मेडल लाओ नौकरी पाओ की बात करते हैं वही छोटे-छोटे बच्चे उनके आवास के बाहर बीच सड़क पर ही प्रैक्टिस करते नजर आते हैं। जहां ये बच्चे प्रैक्टिस करते हैं वहां पास में ही मुख्यमंत्री आवास भी है।  आवास में आते जाते इन बच्चों पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की नजर पड़ती भी होगी। लेकिन आज तक इन बच्चों के प्रैक्टिस के लिए कोई जगह पटना में मुहैया नहीं हो सका। अब देखना होगा कि सरकार इन बच्चों की समस्या पर कब ध्यान देती है।