ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: मुंगेर में पुलिस से भिड़े परिजन, वारंटी को छुड़ाकर भगाया, फिर क्या हुआ जानिए? कटिहार में युवक की गोली मारकर हत्या, दो दिन में दो हत्या से इलाके में दहशत, कानून व्यवस्था पर सवाल गोपालगंज में मुठभेड़: 25 हजार के इनामी बदमाश महावीर यादव गिरफ्तार, पैर में लगी गोली IRCTC ने लॉन्च किया RailOne Super App, अब एक ही एप पर मिलेंगी ट्रेन से जुड़ी सभी सेवाएं IRCTC ने लॉन्च किया RailOne Super App, अब एक ही एप पर मिलेंगी ट्रेन से जुड़ी सभी सेवाएं "बिहार को बनेगा स्टार्टअप हब", स्टार्टअप स्पार्क 2.0 में बोले उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा Patna Traffic: राजधानी में ट्रैफिक जाम की सूचना के लिए फोन और व्हाट्सएप्प नंबर जारी, तुरंत इन दो नंबरों पर दें जानकारी Patna News: पटना में बढ़ रही लग्जरी कारों की डिमांड, 3 साल में खरीदे गए 1403 महंगे फोर व्हीलर; यह गाड़ी बनी लोगों की पहली पसंद Patna News: पटना में बढ़ रही लग्जरी कारों की डिमांड, 3 साल में खरीदे गए 1403 महंगे फोर व्हीलर; यह गाड़ी बनी लोगों की पहली पसंद सेक्स की नौकरी और कॉल बॉय बनाने के नाम पर करोड़ों की ठगी, पटना से तीन शातिर गिरफ्तार

सेटिंग ने बचायी सीता साहू की कुर्सी, मेयर के खिलाफ पड़े महज दो वोट

सेटिंग ने बचायी सीता साहू की कुर्सी, मेयर के खिलाफ पड़े महज दो वोट

04-Jul-2019 10:22 AM

By 9

PATNA:  पटना नगर निगम की मेयर सीता साहू की सेटिंग काम कर गयी. नगर निगम में आज लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा दी गयीं और मेयर की कुर्सी अगले दो साल के लिए सुरक्षित हो गयी. लोकतंत्र को रौंद कर मेयर और उनके समर्थकों ने खूब जश्न मनाया. तार-तार हुआ लोकतंत्र पटना नगर निगम के मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर आज वोटिंग हुई. पांच दिन पहले 26 पार्षदों ने मेयर के खिलाफ अविश्वास का प्रस्ताव पेश किया था. हद देखिये कि जिन पार्षदों ने अविश्वास का प्रस्ताव दिया था उनमें से कोई भी वोटिंग करने नहीं पहुंचा. 72 वार्ड पार्षदों वाले नगर निगम में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग में सिर्फ 12 पार्षद पहुंचे. उनमें से 2 ने प्रस्ताव के पक्ष में यानि मेयर के खिलाफ वोट किया. बाकी दस ने मेयर का समर्थन कर दिया. अविश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग ने लोकतंत्र को शर्मसार कर देने वाले खेल को उजागर कर दिया. ऐसे हुई सेटिंग दरअसल, कुछ दिन पहले मेयर खेमे ने अपनी राह में रोडा बन रहे उप मेयर विनय कुमार पप्पू को अविश्वास प्रस्ताव के जरिये हटाया था. उस दिन से मेयर पर भी खतरा मंडराने लगा था. रातो रात सेटिंग हुई और मेयर खेमे ने खुद ही अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया. नगर निगम के आलाधिकारी सेट थे, लिहाजा पांच दिनों में वोटिंग का भी फैसला कर लिया गया. ये सब इसलिए ताकि विपक्षी खेमे को एकजुट होने का मौका ही नहीं मिले. हुआ भी वही, मेयर विरोधी जब तक कुछ सोंचते तब तक अविश्वास प्रस्ताव के गिरने का ड्रामा खत्म हो गया. नगर निगम की नियमावली के मुताबिक एक बार अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद दो साल तक दूसरा अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है. लिहाजा अगले दो सालों तक सीता साहू की कुर्सी सुरक्षित हो गयी है.